काबुल
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए नियुक्त अमेरिकी विशेष महानिरीक्षक (SIGAR) ने अपनी 68वीं और अंतिम रिपोर्ट जारी की है। यह रिपोर्ट अफगानिस्तान को दी गई अमेरिकी सहायता, महिलाओं और लड़कियों की स्थिति, सुरक्षा हालात, आर्थिक परिस्थितियों, नशीली दवाओं के खिलाफ कार्रवाई, हालिया घटनाक्रम, निगरानी प्रक्रिया, मिशन के समापन और अफगान मामलों में अन्य अमेरिकी एजेंसियों की भूमिका जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करती है।
इस रिपोर्ट में सबसे गंभीर चिंता का विषय अफगान महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों को लेकर उठाया गया है। SIGAR का कहना है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद पिछले लगभग चार वर्षों में महिलाओं से उनके लगभग सभी अधिकार छीन लिए गए हैं।
राजनीतिक मामलों के विश्लेषक अब्दुल सादिक हमीदज़ॉय ने टोलो न्यूज़ से बात करते हुए कहा, "अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने अपनी रिपोर्टों में जनता की चिंताओं को तो उठाया है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।"
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने वित्त वर्ष 2025 में अफगानिस्तान के लिए केवल 34.2 करोड़ अमेरिकी डॉलर की मानवीय सहायता दी है, जबकि वर्ष 2023 में यह आंकड़ा 96.8 करोड़ डॉलर था। यानी, मुश्किल की इस घड़ी में जब अफगानिस्तान की आंतरिक ज़रूरतें बढ़ रही हैं, तब अमेरिकी सहायता में भारी कटौती हुई है, जिससे आम लोगों की जिंदगी पर नकारात्मक असर पड़ा है।
अफगानिस्तान के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि अमेरिकी सहायता को राजनीतिक हथियार नहीं बनाना चाहिए। मंत्रालय ने यह भी खारिज किया कि अफगानिस्तान की इस्लामिक अमीरात सरकार किसी भी तरह की अमेरिकी सहायता में हस्तक्षेप कर रही है।
उप अर्थमंत्री अब्दुल लतीफ नज़ारी ने कहा, "SIGAR की हालिया रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक तो कुछ नकारात्मक पहलू हैं, लेकिन मैं दो अहम बिंदुओं पर ज़ोर देना चाहता हूं — पहला, अमेरिका ने मानवीय सहायता को राजनीतिक बना दिया है, जो कि मानवीय सिद्धांतों और अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है। दूसरा, इस्लामिक अमीरात पर यह आरोप लगाया गया है कि वह अंतरराष्ट्रीय सहायता में हस्तक्षेप करती है, जिसे हम पूरी तरह और स्पष्ट रूप से खारिज करते हैं।"
गौरतलब है कि SIGAR ने अपनी पहली तिमाही रिपोर्ट अक्टूबर 2008 में अमेरिकी कांग्रेस के समक्ष पेश की थी। अब जब यह निकाय अपने मिशन का समापन कर रहा है, तो यह सवाल उठता है कि क्या वाकई उसकी निगरानी से कोई वास्तविक सुधार आया?
राजनीतिक मामलों के विशेषज्ञ इदरीस मोहम्मदी ज़ज़ाई ने टोलो न्यूज़ से कहा, "2008 से अब तक SIGAR ने प्रशासनिक भ्रष्टाचार पर कई रिपोर्टें पेश कीं, लेकिन अफसोस की बात यह है कि भ्रष्टाचार न तो रोका गया और न ही समाप्त किया गया।"
एक तथ्य यह भी उल्लेखनीय है कि SIGAR ने पहले कहा था कि 2021 से अब तक अमेरिका ने अफगानिस्तान को 3.83 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है।
इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है, खासकर महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के मामले में। तालिबान के शासन के तहत अफगान महिलाएं न सिर्फ सार्वजनिक जीवन से हटा दी गई हैं, बल्कि शिक्षा, रोजगार और स्वतंत्र आवाजाही जैसे बुनियादी अधिकारों से भी वंचित की जा चुकी हैं।
रिपोर्ट इस बात की ओर इशारा करती है कि अफगानिस्तान में अब तक की अमेरिकी रणनीतियां और निगरानी प्रक्रियाएं भ्रष्टाचार और शासन सुधार जैसे मामलों में प्रभावी साबित नहीं हो पाईं। और अब जब SIGAR अपने कार्यकाल का समापन कर रहा है, तो सवाल यह भी उठता है कि भविष्य में कौन इन गंभीर मुद्दों की निगरानी करेगा, खासकर तब जब अफगान समाज एक गहरे मानवीय संकट में डूबता जा रहा है।
अंततः यह रिपोर्ट सिर्फ एक निष्कर्ष नहीं, बल्कि एक चेतावनी है — कि अफगानिस्तान को अकेला छोड़ना वहां की जनता, विशेषकर महिलाओं और बच्चों, के अधिकारों और सुरक्षा को और अधिक खतरे में डाल सकता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को न सिर्फ बयान देना चाहिए, बल्कि व्यावहारिक और न्यायसंगत हस्तक्षेप की दिशा में ठोस क़दम भी उठाने होंगे।