बीजिंग (चीन)
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) कहा कि यूक्रेन संघर्ष पश्चिमी शक्तियों के लिए केवल एक "बहाना" है, जिसके जरिए वे उन देशों के खिलाफ कदम उठा रहे हैं जिनके रूस के साथ मज़बूत आर्थिक संबंध हैं।
चीन की चार दिवसीय यात्रा के बाद मीडिया से बातचीत में पुतिन ने कहा कि हालिया व्यापारिक प्रतिबंध और टैरिफ वास्तव में यूक्रेन से जुड़े नहीं हैं, बल्कि उन्हें जानबूझकर एक कथा के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है ताकि अन्य राजनीतिक और आर्थिक एजेंडे को आगे बढ़ाया जा सके।
यूरोप द्वारा रूस और उसके व्यापारिक साझेदारों पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के सवाल पर पुतिन ने कहा, “हैरानी की बात यह है कि हमने अपनी बातचीत में इस पर लगभग चर्चा ही नहीं की, क्योंकि यह वास्तव में हमें चिंतित नहीं करता। यूक्रेन केवल एक बहाना है उन कदमों को उठाने के लिए, जो हमारे साथ आर्थिक संबंध रखने वाले देशों पर असर डालते हैं।”
पुतिन ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगस्त की शुरुआत में ब्राज़ील पर लगाए गए अतिरिक्त टैरिफ का यूक्रेन से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि असली वजह पश्चिम, खासकर अमेरिका और अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं—भारत, चीन और ब्राज़ील—के बीच बढ़ता आर्थिक असंतुलन है।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “अमेरिका और भारत या चीन के बीच व्यापार असंतुलन है, लेकिन ब्राज़ील के साथ ऐसा कोई मामला नहीं है। इसके बावजूद ब्राज़ील पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया। इसका यूक्रेन से कोई संबंध नहीं है, यह केवल घरेलू राजनीति है।”
यह बयान उस समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई टैरिफ नीतियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तनाव बढ़ा दिया है। भारत भी प्रभावित हुआ है क्योंकि अमेरिकी सरकार ने भारतीय आयात पर 50 प्रतिशत शुल्क लगाया है और रूसी कच्चे तेल की खरीद के कारण अतिरिक्त 25 प्रतिशत टैरिफ भी जोड़ा है। वाशिंगटन का तर्क है कि इससे मॉस्को को यूक्रेन युद्ध में मदद मिलती है।