लंदन. विश्व प्रसिद्ध धार्मिक विद्वान, शोधकर्ता, प्रख्यात लेखक, द मुस्लिम कॉलेज लंदन के प्रोफेसर, अंग्रेजी पत्रिका द स्ट्रीट पाथ ऑफ सेंट्रल जमीयत अहले हदीथ यूके के पूर्व संपादक, हाफिज डॉ अब्दुल अली हामिद अल-अजहरी अल-आजमी का निधन हो गया है.
जमीयत अहले हदीस हिंद के अमीर मौलाना असगर अली इमाम मेहदी सलाफी ने दुख और दुख व्यक्त करते हुए उनके निधन को धार्मिक और वैज्ञानिक जगत के लिए एक बड़ी क्षति बताया है.
उन्होंने अपने प्रेस बयान में कहा कि डॉ अब्दुल अली अजहरी (पीबीयूएच) माओ यूपी की आबादी वाली भूमि के एक प्रसिद्ध और शक्तिशाली धार्मिक और विद्वान परिवार से थे.
डॉ आलिया-उर-रहमा ने अपनी प्राथमिक शिक्षा मदरसा आलिया अरबिया मावा और रहमानिया विश्वविद्यालय, बनारस से प्राप्त की.
उन्होंने 1959में प्रसिद्ध विश्वविद्यालय, जामिया इस्लामिया, फैज-ए-आम, माओ में दाखिला लिया और 1959में अपनी डिग्री पूरी की.
उन्होंने 1985में मिस्र के अजहर विश्वविद्यालय से इस्लामी अध्ययन में डबल एमए और 2006में काहिरा विश्वविद्यालय से अरबी साहित्य में एमए और 2012में नाइजीरिया में अहमद बेलो विश्वविद्यालय से पीएचडी की.
उन्होंने जीवन भर अध्यापन और विद्या के ज्ञान को बनाए रखा और देश-विदेश में ज्ञान और ज्ञान के दीप जलाए. अजहर विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद, वह काहिरा रेडियो स्टेशन और बाद में जर्मनी रेडियो स्टेशन में उद्घोषक के रूप में शामिल हुए. उन्होंने नाइजीरिया में अहमदबेलो विश्वविद्यालय में भी पढ़ाया. इसके बाद वे लंदन के मुस्लिम कॉलेज में प्रोफेसर बन गए.
डॉ साहब जहां कहीं भी हैं, वे अपनी ब्लॉक बुद्धि और कड़ी मेहनत से प्रतिष्ठित हैं. उसने एक महीने में पवित्र कुरान को याद किया और तरावीह में पढ़ा. अध्यापन और पत्रकारिता के अलावा, उन्होंने तफसीर जिया-उल-तवील फी मानी अल-तंजील (पीएचडी) के क्षेत्र में शोध, बेहकी के लिए शाब-उल-इमान में शोध सहित कई पुस्तकों पर शोध किया है. सूरह अल-इखलास के अल-इस्फहानी तफसीर के लिए अल-इम्थल और सूरह अल-नूर इब्न तैमियाह आदि के तफसीर के शोध उल्लेखनीय हैं.