तस्वीरों में अजमेर उर्स 2025: श्रद्धा, भक्ति और आध्यात्मिक ऊर्जा का अद्भुत संगम

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Ajmer Urs 2025 in pictures: A wonderful confluence of faith, devotion, and spiritual energy.
Ajmer Urs 2025 in pictures: A wonderful confluence of faith, devotion, and spiritual energy.

 

आवाज द वाॅयस /अजमेर

राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत हज़रत ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर हर साल उनके उर्स का भव्य उत्सव मनाया जाता है। इस वर्ष भी 22 दिसंबर से शुरू हुआ यह उर्स अब अपने तीसरे दिन में प्रवेश कर चुका है और देश-दुनिया से हजारों श्रद्धालु इस पवित्र स्थल पर उमड़ पड़े हैं। भीड़ इतनी विशाल है कि दरगाह तक पहुंचना कई जायरीन के लिए असंभव सा प्रतीत हो रहा है। लोग विभिन्न हिस्सों से आकर इस आध्यात्मिक महापर्व में शामिल हो रहे हैं, और इसे देखने का नजारा अत्यंत अद्भुत और भावपूर्ण है।

उर्स के दौरान दरगाह में हर साल की तरह इस बार भी झंडा फहराने की विशेष रस्म संपन्न हुई। श्रद्धालु बड़ी श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ इस समारोह में भाग ले रहे हैं। झंडा फहराने की इस रस्म का आयोजन सुबह के समय किया गया, जिसमें सुरक्षा कर्मियों ने भी पूरी सतर्कता और व्यवस्था बनाए रखी। झंडा फहराने के साथ ही भक्तों ने ख्वाजा साहब के प्रति अपनी श्रद्धा और लगाव प्रकट किया, और दरगाह में उपस्थित सभी लोग इस पावन अवसर को देखने और इसमें भाग लेने के लिए उत्साहित दिखाई दिए।

उर्स की इस भव्य परेड में ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ सूफी संगीत और समर्पित भजन गाए जा रहे हैं। ढोलक, नगाड़े और सूफी संगीत की लय में भक्तों का उत्साह और श्रद्धा भाव बढ़ता चला जा रहा है। परेड के दौरान श्रद्धालु हज़रत ख्वाजा साहब के क़ब्र पर चादर चढ़ाने, फूलों की माला अर्पित करने और विशेष प्रार्थनाओं में शामिल होने के लिए आगे बढ़ते हैं। इस दौरान दरगाह के आसपास की सड़कों और गलियों में भीड़ इतनी अधिक है कि श्रद्धालुओं को चलने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन सभी लोग संयम और अनुशासन के साथ अपने श्रद्धा भाव को व्यक्त कर रहे हैं।

सुरक्षा कर्मियों ने पूरे उर्स में विशेष व्यवस्था की है ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना या अव्यवस्था न हो। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। दरगाह के पास जगह-जगह सुरक्षा चौकियां लगाई गई हैं, और मार्गों पर सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, अर्धसैनिक बल भी इस दौरान मुस्तैद हैं, ताकि कार्यक्रम शांतिपूर्ण और व्यवस्थित तरीके से संपन्न हो सके।

उर्स के तीसरे दिन भी हजारों भक्तों की भीड़ में उत्साह और श्रद्धा का आलम देखने लायक है। झंडा फहराने की रस्म, ढोल-नगाड़ों की थाप और सूफी भजनों की गूँज के बीच यह महापर्व भक्तों के लिए आध्यात्मिक आनंद और मानसिक शांति का स्रोत बनता जा रहा है। देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस भव्य आयोजन का हिस्सा बनकर ख्वाजा साहब के प्रति अपनी भक्ति और सम्मान व्यक्त कर रहे हैं।

इस प्रकार अजमेर की दरगाह पर ख्वाजा गरीब नवाज की उर्स न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सूफी संस्कृति, भाईचारे और मानवता के संदेश को भी आगे बढ़ाता है। हर साल की तरह इस वर्ष भी यह उर्स श्रद्धालुओं के लिए अद्भुत अनुभव और आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र बना हुआ है, जो आने वाले वर्षों तक इसी भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया जाता रहेगा।