मालप्पुरम (केरल)
केरल के मालप्पुरम ज़िले में क्रिसमस उत्सव को इस बार एक अनोखी और पर्यावरण-संवेदनशील पहचान मिली है। चुंगथारा क्षेत्र में 30 फीट ऊंचा एक विशाल क्रिसमस ट्री तैयार किया गया है, जो पूरी तरह जैविक फूलों वाले पौधों से निर्मित है। यह हरित क्रिसमस ट्री पारंपरिक प्लास्टिक या कृत्रिम सजावट से अलग, पर्यावरण संरक्षण का सशक्त संदेश दे रहा है।
करीब आठ फीट के घेराव वाला यह विशाल क्रिसमस ट्री कुट्टिमुंडा स्थित एक नारियल कंपनी के सामने स्थापित किया गया है, जिसने देखते ही देखते स्थानीय लोगों और राहगीरों का ध्यान खींच लिया। इस अनोखे ट्री को बनाने में लगभग 2,800 जैविक फूलों वाले पौधों का इस्तेमाल किया गया है। इसे सजावटी सामान से नहीं, बल्कि पौधों को रोपकर और उन्हें सहेजकर तैयार किया गया है, जो इसे दुर्लभ और पूरी तरह इको-फ्रेंडली बनाता है।
कंपनी के मालिक पप्पाचन मुंदुवायल ने बताया कि इस भव्य संरचना को तैयार करने में करीब 15 लोगों की सामूहिक मेहनत लगी है। उन्होंने कहा कि हरित और ऑर्गेनिक क्रिसमस ट्री बनाने का विचार लंबे समय से प्रबंधन और कर्मचारियों का साझा सपना था, जो अब साकार हो पाया है। उनका मानना है कि त्योहारों को मनाने के साथ-साथ प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाना भी उतना ही जरूरी है।
यह पौधों से बना क्रिसमस ट्री अब स्थानीय निवासियों, परिवारों और यात्रियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन गया है। बड़ी संख्या में लोग यहां रुककर तस्वीरें और सेल्फी ले रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी यह पहल तेजी से लोकप्रिय हो रही है और लोग इसे क्रिसमस मनाने का एक अभिनव और टिकाऊ तरीका बता रहे हैं।
हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला क्रिसमस ईसा मसीह के जन्म का पर्व है, जो शांति, प्रेम और सौहार्द का संदेश देता है। इस अवसर पर परिवार एकजुट होकर खुशियां बांटते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और चर्चों में विशेष प्रार्थनाएं होती हैं। मालप्पुरम में तैयार किया गया यह हरित क्रिसमस ट्री न सिर्फ उत्सव की रौनक बढ़ा रहा है, बल्कि यह भी याद दिला रहा है कि खुशी और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चल सकते हैं।






.png)