संयुक्त राष्ट्र में ईरान-अमेरिका ने कूटनीति की प्रतिबद्धता दोहराई, मतभेद अब भी गहरे

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
At the United Nations, Iran and the US reiterated their commitment to diplomacy, but deep differences remain.
At the United Nations, Iran and the US reiterated their commitment to diplomacy, but deep differences remain.

 

संयुक्त राष्ट्र

ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक तीखी बैठक में कूटनीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है, लेकिन दोनों देशों के बीच परमाणु समझौते को लेकर मतभेद अब भी गहरे और व्यापक बने हुए हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि बातचीत के दरवाज़े खुले होने के बावजूद समाधान अभी दूर है।

यह बैठक ऐसे समय हुई है जब जून में इज़रायल–ईरान के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद वॉशिंगटन और तेहरान के बीच प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता रद्द हो गई थी। इसके बाद सितंबर में ईरान के सर्वोच्च नेता Ayatollah Ali Khamenei ने अमेरिका के साथ किसी भी प्रत्यक्ष परमाणु वार्ता को खारिज कर दिया था।

संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत अमीर सईद इरावानी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि “ईरान सिद्धांत आधारित कूटनीति और वास्तविक बातचीत के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।” उन्होंने कहा कि अब फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका पर भरोसा बहाल करने के लिए ठोस और विश्वसनीय कदम उठाने की ज़िम्मेदारी है। इरावानी ने यह भी दोहराया कि ईरान 2015 के परमाणु समझौते के मूल सिद्धांतों के प्रति प्रतिबद्ध है, जिसके तहत ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम पर सीमाएं स्वीकार की थीं और बदले में उस पर लगे प्रतिबंध हटाए गए थे।

गौरतलब है कि Donald Trump ने 2018 में अमेरिका को इस समझौते से अलग कर लिया था। बैठक में अमेरिका की ओर से यूएन मिशन की काउंसलर मॉर्गन ऑर्टेगस ने कहा कि अमेरिका औपचारिक बातचीत के लिए तैयार है, लेकिन केवल तभी जब ईरान “सीधी और सार्थक” वार्ता के लिए राज़ी हो। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि ट्रंप प्रशासन ईरान में किसी भी तरह के परमाणु संवर्धन (यूरेनियम एनरिचमेंट) को स्वीकार नहीं करेगा।

ईरान ने इस शर्त को अपने अधिकारों के खिलाफ बताया और कहा कि ‘शून्य संवर्धन’ की अमेरिकी मांग निष्पक्ष वार्ता के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है। इरावानी ने चेतावनी दी कि यदि पश्चिमी देश इसी रुख पर कायम रहे तो कूटनीति पूरी तरह विफल हो सकती है।

इस बीच, अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के अनुसार ईरान ने 60 प्रतिशत तक संवर्धित 440 किलोग्राम से अधिक यूरेनियम जमा कर लिया है, जो हथियार-स्तर से बस एक तकनीकी कदम दूर है। इससे वैश्विक चिंता और बढ़ गई है। रूस ने पश्चिमी देशों की आलोचना करते हुए कहा कि ईरान परमाणु मुद्दे पर उनकी कूटनीतिक कोशिशें बुरी तरह नाकाम रही हैं।कुल मिलाकर, संयुक्त राष्ट्र में कूटनीति की बात तो हुई, लेकिन ईरान–अमेरिका परमाणु संकट का समाधान अभी भी अनिश्चित बना हुआ है।