पाकिस्तान: इमरान खान से मुलाकात की अनुमति न मिलने पर बहनों का अदियाला जेल के पास धरना

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-12-2025
Pakistan: Sisters stage protest near Adiala Jail after being denied permission to meet Imran Khan.
Pakistan: Sisters stage protest near Adiala Jail after being denied permission to meet Imran Khan.

 

रावलपिंडी (पाकिस्तान)

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की बहनों अलीमा खान, नोरीन खान नियाज़ी और उज़्मा खान ने मंगलवार को रावलपिंडी के फ़ैक्ट्री नाका इलाके में धरना प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन तब शुरू हुआ जब उन्हें अदियाला जेल में बंद इमरान खान से मुलाकात की अनुमति नहीं दी गई। स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार यह धरना करीब साढ़े तीन बजे शुरू हुआ और देर रात तक चला।

पिछले कई हफ्तों से इमरान खान के परिजन लगातार विरोध कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें नियमित रूप से उनसे मिलने से रोका जा रहा है। उल्लेखनीय है कि इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को तोशाखाना-II मामले में 17 साल की सज़ा सुनाई गई है, जिसके बाद से वह अदियाला जेल में बंद हैं।

धरने में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कई वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए। प्रांतीय अध्यक्ष जुनैद अकबर और वरिष्ठ नेता मुश्ताक गनी ने प्रदर्शन में शिरकत कर परिवार के समर्थन में आवाज़ बुलंद की। मीडिया से बातचीत में इमरान खान की बहन अलीमा खान ने आरोप लगाया कि हर मंगलवार को उन्हें भाई से मिलने से रोका जाता है। उन्होंने दावा किया कि प्रशासन इमरान खान से डरता है और उन्हें व उनकी पत्नी को एकांत कारावास में रखकर मानसिक उत्पीड़न किया जा रहा है।

अलीमा खान ने यह भी कहा कि पीटीआई संस्थापक पहले ही विरोध प्रदर्शनों की तैयारी के निर्देश दे चुके हैं। उनका कहना था कि यदि पार्टी की ओर से आंदोलन का आह्वान किया गया, तो उस समय बातचीत या समझौते की बात करने वाले लोग पार्टी का प्रतिनिधित्व नहीं करेंगे।

इस बीच, रावलपिंडी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। हाल ही में पीटीआई और जमात-ए-इस्लामी के कार्यक्रमों को देखते हुए शहर में भारी संख्या में पुलिस और सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 1,300 से अधिक पुलिसकर्मी और सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिनमें वरिष्ठ अधिकारी, एलीट फोर्स कमांडो, रैपिड एक्शन यूनिट और एंटी-रायट्स विंग के जवान शामिल हैं।

परिवार और पार्टी नेताओं का कहना है कि मुलाकात पर रोक न केवल मानवीय अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि इससे राजनीतिक तनाव और असंतोष भी बढ़ रहा है।