लाहौर
पाकिस्तान की राजनीति में एक बार फिर तनाव गहराता दिख रहा है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने दावा किया है कि प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन से पहले ही उसके एक हजार से अधिक समर्थकों को देशभर में गिरफ्तार कर लिया गया है। पार्टी का आरोप है कि यह कार्रवाई प्रांतीय और संघीय स्तर पर मौजूद “सैन्य समर्थित सरकारों” द्वारा जानबूझकर की गई, ताकि पीटीआई के आंदोलन को कमजोर किया जा सके।
पीटीआई नेता मोईन रियाज कुरैशी ने कहा कि विशेष रूप से लाहौर में स्थिति बेहद सख्त बना दी गई है। उनके अनुसार, पंजाब पुलिस ने न सिर्फ सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, बल्कि पार्टी समर्थकों के दर्जनों वाहनों को शहर में प्रवेश करने से भी रोक दिया। ये वाहन पीटीआई के वरिष्ठ नेताओं और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री सोहेल अफरीदी के साथ प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लाहौर पहुंच रहे थे।
पार्टी का कहना है कि इस तरह की कार्रवाई लोकतांत्रिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है और इसका मकसद इमरान खान की रिहाई की मांग को दबाना है। गौरतलब है कि इमरान खान अगस्त 2023 से भ्रष्टाचार के विभिन्न मामलों में जेल में बंद हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद से पीटीआई लगातार आरोप लगाती रही है कि उनके खिलाफ मामलों का इस्तेमाल राजनीतिक बदले की भावना से किया जा रहा है।
पीटीआई नेतृत्व के अनुसार, इमरान खान की रिहाई और “राजनीतिक उत्पीड़न” के खिलाफ पंजाब प्रांत में एक बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही थी। इसमें पार्टी के कई वरिष्ठ नेता सक्रिय भूमिका निभाने वाले थे। हालांकि, पार्टी का आरोप है कि आंदोलन शुरू होने से पहले ही सरकार ने दमनात्मक कदम उठाकर माहौल को नियंत्रित करने की कोशिश की।
पार्टी ने संघीय सरकार और पंजाब प्रांत, दोनों जगह सत्ता में मौजूद पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकारों पर इमरान खान और पीटीआई कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पीटीआई का कहना है कि इन सरकारों को सैन्य समर्थन प्राप्त है और वे राजनीतिक विरोध को कुचलने के लिए पुलिस और प्रशासन का इस्तेमाल कर रही हैं।
इस घटनाक्रम के बाद पाकिस्तान में सियासी माहौल और ज्यादा गर्माने के संकेत मिल रहे हैं। पीटीआई ने साफ कर दिया है कि गिरफ्तारियों के बावजूद वह इमरान खान की रिहाई और लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली की मांग से पीछे नहीं हटेगी।