रियाद
मध्य-पूर्व और हॉर्न ऑफ अफ्रीका की राजनीति में एक बड़ा मोड़ सामने आया है। इज़राइल ने आधिकारिक रूप से सोमालीलैंड को “स्वतंत्र और संप्रभु राज्य” के रूप में मान्यता दे दी है। इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने शुक्रवार को यह घोषणा करते हुए बताया कि दोनों पक्षों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित करने के समझौते पर हस्ताक्षर हो चुके हैं। इज़राइल ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान में कहा गया कि नेतन्याहू ने सोमालीलैंड गणराज्य को एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य के रूप में औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की है। इसे क्षेत्रीय कूटनीति में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। बयान में यह भी स्पष्ट किया गया कि यह निर्णय अब्राहम समझौते की भावना के अनुरूप है—ये समझौते पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के पहले कार्यकाल में इज़राइल और कई अरब देशों के बीच सामान्यीकरण की प्रक्रिया के तहत हुए थे।
सोमालीलैंड के राष्ट्रपति अब्दिरहमान मोहम्मद अब्दुल्लाही ने इस मान्यता का स्वागत करते हुए इसे “रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत” बताया। फेसबुक पर साझा संदेश में उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है। हम इज़राइल द्वारा सोमालीलैंड को मान्यता देने के निर्णय का हार्दिक स्वागत करते हैं और अब्राहम समझौते के तहत इज़राइल के साथ संबंध सामान्य करने की अपनी तत्परता दोहराते हैं।”
गौरतलब है कि सोमालीलैंड ने 1991 में स्वतंत्रता की घोषणा की थी, लेकिन अब तक उसे व्यापक अंतरराष्ट्रीय मान्यता नहीं मिली थी। अंतरराष्ट्रीय मान्यता हासिल करना राष्ट्रपति अब्दुल्लाही की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल रहा है।
इज़राइल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने अलग बयान में कहा कि दोनों देश “पूर्ण राजनयिक संबंध” स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। इसमें राजदूतों की नियुक्ति और दूतावासों का उद्घाटन शामिल होगा। उन्होंने बताया कि मंत्रालय को विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को संस्थागत रूप देने के निर्देश दे दिए गए हैं।
नेतन्याहू के कार्यालय ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति अब्दुल्लाही को इज़राइल यात्रा का निमंत्रण दिया है। इस कदम को इज़राइल-अफ्रीका संबंधों और क्षेत्रीय भू-राजनीति में दूरगामी प्रभाव वाला निर्णय माना जा रहा है।






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