काबुल. खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान द्वारा नियुक्त सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, अफगानिस्तान में लगभग 12,000 लोग वर्तमान में ‘एचआईवी’ बीमारी से पीड़ित हैं.
विश्व एड्स दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को एक सत्र के दौरान तालिबान द्वारा नियुक्त मंत्रालय ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आंकड़ों के आधार पर, अफगानिस्तान में 1.0 प्रतिशत आबादी एचआईवी / एड्स से प्रभावित है. मंत्रालय ने कहा कि उसके संक्रामक नियंत्रण कार्यक्रम के माध्यम से 3,492 व्यक्तियों को संबोधित किया गया है.
एड्स संक्रमित व्यक्ति से दूसरे लोगों में संभोग, साझा सुइयों और दूषित रक्त-संबंधित उपकरणों के माध्यम से फैलता है. 1998 से, इस बीमारी से निपटने के लिए जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.
एड्स, जिसे एक्वायर्ड इम्यूनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम भी कहा जाता है, एक वायरस के कारण होता है जो किसी व्यक्ति के शरीर में फैलता है. इसके लक्षणों को तीन चरणों में पहचाना जा सकता है. प्रभावित व्यक्ति को प्रारंभिक चरण में गंभीर या सतही संक्रमण का अनुभव हो सकता है. यह बीमारी आम तौर पर बाद के दो चरणों में कमजोरी और गंभीर सूजन की ओर ले जाती है.
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