पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने पश्तून जिरगा पर हमला किया, 3 की मौत

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 10-10-2024
Pakistani security forces attack Pashtun jirga, 3 killed
Pakistani security forces attack Pashtun jirga, 3 killed

 

खैबर पख्तूनख्वा. बुधवार को खैबर पख्तूनख्वा के खैबर जिले में पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के एक शांतिपूर्ण आयोजन पर पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा हमला और गोलीबारी किए जाने के बाद, कम से कम तीन लोगों की जान चली गई और कई अन्य घायल हो गए.

बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि पीटीएम ने हिंसा, आतंकवाद और लक्षित हत्याओं जैसे ज्वलंत मुद्दों को संबोधित करने के लिए जमरूद तहसील में एक राष्ट्रीय जिरगा का आयोजन किया था, जिसे ‘अवामी अदालत’ या पीपुल्स कोर्ट के रूप में जाना जाता है.

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस और गोला-बारूद का इस्तेमाल किया, जिससे प्रदर्शनकारियों के घटनास्थल से भागने पर व्यापक अराजकता फैल गई. दर्जनों घायल व्यक्तियों को पास के अस्पतालों में ले जाया गया, लेकिन हताहतों की सही संख्या अज्ञात है.

पीटीएम के नेता मंजूर पश्तीन ने हमले की निंदा करते हुए कहा कि पाकिस्तानी सरकार की कार्रवाई पश्तून एकता के डर से प्रेरित है. पश्तीन ने एक्स पर यह भी पोस्ट किया, ‘‘खैबर पख्तूनख्वा पुलिस ने पश्तून जिरगा खैबर मैदान पर हमला किया, सड़क पर गोलीबारी की. अब तक तीन दोस्तों के शहीद होने और दर्जनों के घायल होने की खबरें हैं. खैबर के अलावा, अन्य जिलों में जिरगा में भाग लेने वालों पर पुलिस की गोलीबारी की घटनाएं हुई हैं, जिसमें दक्षिण वजीरिस्तान में गोलीबारी के परिणामस्वरूप एक शहीद और कई घायल हुए हैं. उत्तरी वजीरिस्तान में काफिले पर गोलीबारी की भी पुष्टि हुई है.’’

पीटीएम ने इन ज्वलंत मुद्दों के समाधान की मांग करते हुए चल रही हिंसा, आतंकवाद और लक्षित हत्याओं पर चर्चा करने के लिए 11 अक्टूबर, 2024 को खैबर जिले में एक राष्ट्रीय जिरगा सभा का आह्वान किया है. पाकिस्तान राज्य ने शांति की तलाश में पश्तून एकता के डर से क्रूरता का सहारा लिया है. पश्तीन ने इस बात पर जोर दिया कि सड़कें बंद होने के बावजूद लोग इकट्ठा होते रहे और सेना और पुलिस ने खून बहाने के इरादे से देर रात हमला किया.

उन्होंने आगे कहा, ‘‘पश्तून वतन के कई जिलों में सड़कें बंद कर दी गई हैं, लेकिन फिर भी लोग बैरियर पार करके आगे बढ़ रहे हैं. देर रात सेना और पुलिस ने जमीन पर हमला किया. उस पल से उनका इरादा खून-खराबा करने का था, लेकिन हमने शांति के लिए जमीन खाली कर दी. शहीद और घायल दोस्त.’’

2018 में स्थापित, पश्तून तहफुज आंदोलन पाकिस्तान में पश्तूनों के अधिकारों की वकालत करने वाली एक जमीनी पहल है. मंजूर पश्तीन के नेतृत्व में, पीटीएम पश्तूनों द्वारा सामना किए जाने वाले मानवाधिकारों के उल्लंघन के जवाब में उभरा, जिसमें न्यायेतर हत्याएं, जबरन गायब होना और उनके क्षेत्रों में बारूदी सुरंगों से उत्पन्न खतरा शामिल है.

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा सरकार से भी इस मामले में उनकी भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘खैबर पख्तूनख्वा में इस जुल्म को रोकने के लिए क्या खैबर पख्तूनख्वा सरकार ने पुलिस को इस क्रूरता को रोकने के लिए कोई नोटिस भी दिया है? नहीं, बिल्कुल नहीं, क्योंकि हर कोई पख्तूनों की खून बहाने की इच्छा को पूरा करने के लिए स्क्रिप्ट के अनुसार अपनी भूमिका निभा रहा है. जनरल असीम मुनीर, शाहबाज शरीफ और मोहसिन नकवी, आज पख्तूनख्वा में बेगुनाह पख्तूनों का खून बहाकर क्या आपके गुर्दों में ठंडक पहुंची है, या फिर पख्तूनों का और खून-खराबा होगा?’’

 

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