बलूचिस्तान. बलूच कार्यकर्ता महरांग बलूच ने शनिवार को इस बात पर प्रकाश डाला कि राज्य संस्थानों और उनके समर्थित मृत्यु दस्तों ने बलूच माताओं को जबरन ‘असहाय’ बना दिया है, क्योंकि शहर में जबरन गायब होना, अपहरण और हत्याएं जारी हैं.
बलूच लोगों के सामने चल रही चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं, क्योंकि बलूचिस्तान के हर कोने से लोगों का अपहरण किया गया है, उन्हें मार डाला गया है और उनके शवों को फेंक दिया गया है. कार्यकर्ता महरंग ने जोर देकर कहा कि यह लोगों का प्रतिरोध है, और केवल लोग ही ऐसी बर्बर नीतियों को समाप्त करने का विरोध कर सकते हैं.
उन्होंने सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘राज्य संस्थानों और उनके समर्थित मौत के दस्तों ने हमारी बलूच माताओं और उनके पूरे परिवारों को जबरन ‘असहाय’ बना दिया है. बलूचिस्तान के हर कोने से, उन्होंने हमारे राष्ट्र के साथियों का अपहरण कर लिया है, मार डाला है और उन्हें फेंक दिया है. राज्य की नरसंहार और क्रूर नीतियों के खिलाफ आंदोलनएक ‘प्रतिरोध’ के अलावा और क्या बचा है? यह लोगों का प्रतिरोध है, और केवल लोग ही ऐसी बर्बर नीतियों को खत्म करने का विरोध कर सकते हैं.’’
द बलूचिस्तान पोस्ट के अनुसार, गुरुवार को बलूचिस्तान के केच जिले से दो बलूच युवाओं को जबरन विस्थापित किया गया. रिपोर्टों के अनुसार, बड़ी संख्या में पाकिस्तानी बलों ने बुलैदा बिट में विभिन्न घरों पर छापा मारा और दो युवकों को हिरासत में लिया, जिनकी पहचान हफीजुल्लाह और इस्माइल के रूप में हुई है, जो करीबी रिश्तेदार बताए जाते हैं.
इस बीच, इस्लामाबाद में एक महीने तक विरोध प्रदर्शन करने के बाद, महरंग बलूच के नेतृत्व में तुर्बत लॉन्ग मार्च के प्रतिभागी गुरुवार को क्वेटा पहुंचे. डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रों और महिलाओं सहित हजारों की भीड़ ने बलूचिस्तान विश्वविद्यालय के पास सरियाब इलाके में मार्च करने वालों का गर्मजोशी से स्वागत किया.
महरंग बलूच ने जनता से 27 जनवरी को क्वेटा में होने वाली सभा में शामिल होने का आग्रह किया, इस बात पर जोर दिया कि बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) इस सार्वजनिक बैठक के दौरान अपनी अगली कार्रवाई का खुलासा करेगी.
बलूच यकजेहती कमेटी (बीवाईसी) और बलूच लोगों की जबरन गुमशुदगी और न्यायेतर हत्याओं के खिलाफ आज क्वेटा शहर में बड़े पैमाने पर एक सार्वजनिक सभा आयोजित करेंगे.
बीवाईसी और अन्य मानवाधिकार संगठनों ने आरोप लगाया कि बलूचिस्तान में न्यायेतर हत्याओं और निर्दोष लोगों को जबरन गायब करने के पीछे पाकिस्तान की सैन्य संस्थाएं हैं और राज्य की मुख्यधारा की पार्टियां, सरकार, न्यायपालिका और मीडिया इन अपराधों का समर्थन कर रहे हैं.
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