टेस्ट क्रिकेट की नई पीढ़ी : शुभमन युग शुरु

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 25-05-2025
New generation of Test cricket: The beginning of the Shubman era
New generation of Test cricket: The beginning of the Shubman era

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली

भारतीय टेस्ट क्रिकेट में एक नए युग का आग़ाज़ हो गया है. शनिवार को बीसीसीआई ने इंग्लैंड दौरे के लिए पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के लिए टीम का ऐलान करते हुए 25 वर्षीय शुभमन गिल को नया टेस्ट कप्तान नियुक्त किया. ऋषभ पंत को उपकप्तान की ज़िम्मेदारी दी गई है. रोहित शर्मा, विराट कोहली और रविचंद्रन अश्विन जैसे दिग्गजों के हालिया संन्यास के बाद भारतीय टेस्ट टीम बदलाव के दौर से गुजर रही है, और ऐसे में गिल की ताजपोशी को एक नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है.

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रोहित-कोहली-अश्विन युग का समापन

रोहित शर्मा ने फरवरी 2022 से अब तक भारत की टेस्ट टीम की अगुआई की थी. वहीं विराट कोहली की कप्तानी में टीम ने विदेशी सरजमीं पर कई यादगार जीतें दर्ज कीं. अश्विन जैसे अनुभवी गेंदबाज ने टेस्ट क्रिकेट में भारत की ताकत को नई ऊंचाई दी. इन तीनों के एक साथ संन्यास लेने से भारतीय टीम में बड़ा शून्य पैदा हुआ है, जिसे अब युवा खिलाड़ियों को भरना है.

शुभमन गिल: सबसे युवा टेस्ट कप्तानों में शामिल

गिल ने जबसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा है, तबसे उन्हें भविष्य के नेता के रूप में देखा जा रहा था. अब 25 साल और 258 दिन की उम्र में वह भारत के पांचवें सबसे युवा टेस्ट कप्तान बन गए हैं:

कप्तान    उम्र    वर्ष    प्रतिद्वंद्वी टीम

मंसूर अली खान पटौदी    21y 77d    1962    वेस्टइंडीज
सचिन तेंडुलकर    23y 169d    1996    ऑस्ट्रेलिया
कपिल देव    24y 48d    1983    वेस्टइंडीज
रवि शास्त्री    25y 229d    1988    वेस्टइंडीज
शुभमन गिल    25y 258d    2025    इंग्लैंड

कप्तान के रूप में गिल की संभावनाएं

गिल का नेतृत्व संयम और रणनीतिक चतुराई का मिश्रण है. उनके स्टाइल में:

    धोनी जैसी शांति

    द्रविड़ जैसी समझदारी

    कोहली जैसा आत्मविश्वास

    गांगुली जैसी आक्रामक सोच देखने को मिलती है.

आईपीएल में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करते हुए उन्होंने संयमित नेतृत्व और गेंदबाजों को खुलकर खेलने का अवसर देने की क्षमता दिखाई है. टेस्ट क्रिकेट में यह कौशल उपयोगी साबित हो सकता है — खासकर तब जब टीम एक पुनर्निर्माण के दौर से गुजर रही हो.

विशेषज्ञों का मानना है कि अगर गिल को समय और सीनियर खिलाड़ियों का समर्थन मिला, तो वह मॉडर्न टेस्ट कप्तान के रूप में लंबे समय तक भारतीय क्रिकेट का चेहरा बन सकते हैं.

ऋषभ पंत की वापसी: उपकप्तान के रूप में नई ज़िम्मेदारी

करीब डेढ़ साल बाद टेस्ट टीम में लौटे ऋषभ पंत को उपकप्तानी सौंपी गई है. पंत ने अब तक 43 टेस्ट मैचों में 2948 रन बनाए हैं, जिनमें 6 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं. उनका बल्लेबाज़ी औसत 42.0 है, जो उन्हें भारत के सबसे खतरनाक टेस्ट बल्लेबाजों में शुमार करता है.

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टीम में नए और पुराने चेहरों की वापसी

साई सुदर्शन और अर्शदीप सिंह को पहली बार टेस्ट टीम में मौका मिला है. अर्शदीप बाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज हैं, जबकि साई सुदर्शन तकनीकी रूप से मजबूत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं/ चयनकर्ता अजित अगरकर ने स्पष्ट किया कि साई को आईपीएल के प्रदर्शन के बजाय उनकी तकनीकी मजबूती के आधार पर चुना गया है.

वहीं, करुण नायर ने 8 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी की है. 2016 में तिहरा शतक लगाने वाले करुण को उस ऐतिहासिक पारी के बाद जल्द ही टीम से बाहर कर दिया गया था. उन्होंने अब तक 6 टेस्ट मैचों में 374 रन बनाए हैं. साथ ही, शार्दुल ठाकुर को भी 16 महीने बाद टेस्ट टीम में शामिल किया गया है.

इंग्लैंड दौरा: गिल की कप्तानी का पहला असली इम्तिहान

भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज 20 जून 2025 से शुरू हो रही है. यह सीरीज न केवल टीम इंडिया के नए ढांचे की परीक्षा होगी, बल्कि शुभमन गिल की कप्तानी और ऋषभ पंत की नेतृत्व क्षमता का भी पहला बड़ा इम्तिहान होगी.

गिल से उम्मीदें, पंत से भरोसा

भारत की टेस्ट टीम अब युवा जोश और नए दृष्टिकोण से भरी हुई है. शुभमन गिल एक स्थिर नेतृत्व के संकेत दे रहे हैं, वहीं ऋषभ पंत जैसी करिश्माई मौजूदगी टीम को संतुलन देती है. इस जोड़ी के पास भारतीय क्रिकेट को अगले दशक में नेतृत्व देने का अवसर है.

शुभमन युग की शुरुआत हुई है — यह समय तय करेगा कि वह इस ज़िम्मेदारी को किस ऊंचाई तक ले जाते हैं. लेकिन शुरुआत उम्मीदों से भरी है.