उत्तर प्रदेश के वो चेहरे, जो मिसाल बन गए

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 25-05-2025
Those faces of Uttar Pradesh who became an example
Those faces of Uttar Pradesh who became an example

 

हर दौर में कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो बिना चर्चा, बिना तमगे और बिना शोर किए, अपने काम से इतिहास लिखते हैं। उन्हें मंच नहीं चाहिए, बस एक मौका चाहिए—समाज के लिए कुछ कर गुजरने का. आवाज़ द वॉयस की विशेष सीरीज़ ‘द चेंजमेकर्स’ का मकसद ऐसे ही बेनाम सितारों को रोशनी में लाना है.

इस अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश से हुई है—एक ऐसा राज्य जिसकी गहराइयों में असंख्य कहानियां दबी हैं, जिन्हें न तो अख़बारों की हेडलाइंस मिलीं, न टीवी पर जगह. हम लेकर आए हैं ऐसी 10 ज़िंदगियाँ, जिन्होंने अपनी मेहनत और हौसले से मिसाल कायम की है.
sari
 कैप्टन सारिया अब्बासी: गोरखपुर की बेटी, सीमा की 'ड्रोन किलर'

कैप्टन सारिया अब्बासी की कहानी एक ऐसी लड़की की है, जिसने जेनेटिक इंजीनियर बनने के सारे मौके छोड़कर वर्दी को चुना. गोरखपुर की गलियों से निकलकर जब वह भारत की सीमाओं की रक्षा करने पहुंचीं, तो हर चुनौती को डटकर जवाब दिया. कॉरपोरेट की चमक-दमक छोड़कर उन्होंने सेना में जो भूमिका निभाई, वह आज ‘ड्रोन किलर’ के रूप में मशहूर है. उनकी पूरी कहानी सोमवार को पढ़िए.
faizi
डॉ. फैयाज अहमद फैजी: पसमांदा समाज की बुलंद आवाज

अख़बारों में कॉलम, मंचों पर भाषण और गांवों में पैदल यात्राएं—डॉ. फैयाज फैजी ने एक डॉक्टर होते हुए भी अपना जीवन पसमांदा मुसलमानों की आवाज़ बनने में लगा दिया. सरकारें अब पसमांदा की बात करती हैं, पर आवाज़ डॉ. फैजी ने उठाई. मंगलवार को जानिए उनके सफर की बारीकियां.
luqman
मोहम्मद लुकमान अली: अखाड़े का उस्ताद, किताबों का चैंपियन

अमरोहा के एक छोटे से गांव मोहरका पट्टी से निकले लुकमान अली ने साबित किया कि दिमाग और दम—दोनों साथ चल सकते हैं. राष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी होने के साथ-साथ टॉप क्लास के स्टूडेंट भी हैं. बुधवार को मिलिए इस डबल चैंपियन से.
rubina
 रूबीना राशिद अली: कढ़ाई की नाजुक कलाकारी, आत्मनिर्भरता की मजबूत नींव

अलीगढ़ की गलियों से चलकर रामपुर तक अपना हस्तकला साम्राज्य फैलाने वाली रूबीना राशिद अली सिर्फ एक उद्यमी नहीं, कई महिलाओं की उम्मीद हैं. एप्लिक वर्क की उंगलियों से उन्होंने दर्जनों जिंदगियों में आत्मविश्वास के धागे बुन दिए हैं. गुरुवार को पढ़िए यह प्रेरक कहानी.
baban
 बब्बन मियां: बुलंदशहर में गोसेवा से समरसता की इबारत

जब धर्म और जाति की दीवारें ऊंची होती जा रही हों, बब्बन मियां जैसे लोग उन्हें तोड़ने की मिसाल बनते हैं. एक मुस्लिम गौसेवक के तौर पर उन्होंने न केवल दूधारू पशुओं की सेवा की, बल्कि सामाजिक समरसता का रास्ता भी दिखाया. शुक्रवार को उनकी कहानी आपको हैरान कर देगी.
khush
 खुशबू मिर्जा: अमरोहा से ISRO तक की उड़ान

एएमयू की गोल्ड मेडलिस्ट इंजीनियर खुशबू मिर्जा वो नाम हैं, जिन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) में खुद को साबित कर दिया. अमरोहा की गलियों से उठकर अंतरिक्ष तक पहुंचने की यह उड़ान शनिवार को आपके सामने होगी.
zaheer
जहीर फारूकी: पुरकाजी का चेयरमैन, जो बना बदलाव का चेहरा

पश्चिमी यूपी के एक छोटे से कस्बे पुरकाजी में जहीर फारूकी ने पंचायत के काम का मतलब ही बदल दिया. अपनी निजी ज़मीन सरकार को दान देकर स्कूल बनवाया और शिक्षा को गांव का सबसे बड़ा आंदोलन बना दिया. रविवार को जानिए इस लोकनायक की सोच.
frah
डॉ. फराह उस्मानी: यूपी से न्यूयॉर्क तक एक नारी नेतृत्व की दास्तान

अलीगढ़ से निकलीं और न्यूयॉर्क के वैश्विक मंच तक पहुंचीं डॉ. फराह उस्मानी ने महिलाओं के स्वास्थ्य और सशक्तिकरण को नया आयाम दिया है. उनकी कहानी सीमाओं से परे सोचने की प्रेरणा देती है.
anjum
अंजुम आरा: साइबर क्राइम की शिकंजा कसने वाली आईपीएस

आजमगढ़ की अंजुम आरा ने बी.टेक की डिग्री को पीछे छोड़ते हुए आईपीएस बनने का सफर तय किया. आज वह साइबर अपराधों के खिलाफ लड़ाई में देश की प्रमुख योद्धाओं में गिनी जाती हैं. इनकी दास्तान जल्द आपके सामने होगी.
mumtaz
 मुमताज खान: लखनऊ की गलियों से अंतरराष्ट्रीय हॉकी के मैदान तक

कैंट की संकरी गलियों में पली-बढ़ी मुमताज खान ने गरीबी और जिम्मेदारियों से लड़ते हुए राष्ट्रीय हॉकी टीम तक का सफर तय किया. आठ भाई-बहनों वाले परिवार की बेटी आज देश के लिए गोल दाग रही हैं. थोड़ा इंतजार कीजिए, जल्द उनकी प्रेरणास्पद दास्तान पढ़िए.

आवाज़ द वॉयस ब्यूरो

AlSO READ गुमनाम नायकों का उत्सव