पाकिस्तान: मानसून की तबाही के चलते पंजाब में स्कूल अनिश्चितकाल के लिए बंद

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Pakistan: Schools in Punjab closed indefinitely due to monsoon havoc
Pakistan: Schools in Punjab closed indefinitely due to monsoon havoc

 

लाहौर (पाकिस्तान)

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बाढ़ की गंभीर स्थिति को देखते हुए संबंधित अधिकारियों ने सूबे के प्रभावित ज़िलों में सभी स्कूलों को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का आदेश जारी किया है। एआरवाई न्यूज़ ने अधिकारियों के हवाले से यह जानकारी दी है।

जिन जिलों में स्कूल बंद रहेंगे उनमें सियालकोट, नरोवाल, गुजरात और पसरूर शामिल हैं। 27 अगस्त से सभी सरकारी और निजी स्कूल – चाहे वह प्राइमरी हों या हाई व हायर सेकेंडरी – अगली समीक्षा तक बंद रहेंगे।

सियालकोट की डिप्टी कमिश्नर, सबा असघर अली ने एक आधिकारिक अधिसूचना जारी कर बताया कि छात्रों, शिक्षकों और स्कूल स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है। भारी बारिश और बाढ़ की गंभीर स्थिति के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।

अधिसूचना में कहा गया है कि सभी शैक्षणिक और सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां कैंपस में स्थगित रहेंगी। आदेश के तहत संबंधित सभी अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे इस निर्णय का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।

लोगों को भी सतर्क रहने, घर के अंदर रहने, यात्रा से बचने और प्रभावित इलाकों में जाने से परहेज करने की सलाह दी गई है।

डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु, चिनाब, रावी और सतलुज नदियों के निचले इलाकों से अब तक 24,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। आने वाले समय में इन नदियों में "उच्च बाढ़" की आशंका जताई गई है।

प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (PDMA) ने पंजाब में भारी वर्षा के कारण बाढ़ की चेतावनी जारी की है, खासकर इन नदियों के ऊपरी इलाकों में अगले 48 घंटों में बाढ़ का खतरा बढ़ सकता है।

रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता फारूक अहमद के अनुसार, इन नदियों के किनारे के निचले इलाकों से लोगों को शनिवार से ही निकाला जा रहा है। इन क्षेत्रों में लगातार बारिश के चलते जलस्तर में वृद्धि हो रही है और अगले दो दिनों में और बारिश की संभावना जताई गई है।

कराची में, स्वास्थ्य विशेषज्ञों और पर्यावरणविदों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि वे मानसून के दौरान जमा पानी और ठोस कचरे को तत्काल साफ करने की प्रक्रिया में तेजी लाएं ताकि बीमारियों के फैलाव को रोका जा सके।

डॉ. इमरान सरवर, रुथ फाउ सिविल अस्पताल कराची के आपातकालीन विभाग प्रमुख ने डॉन से बात करते हुए कहा,
“हाल की भारी बारिश के बाद मच्छरों और जलजनित रोगों का खतरा तेजी से बढ़ा है। हमारे पास अगली बारिश से पहले बहुत कम समय है। यदि समय रहते जलभराव नहीं हटाया गया, तो ये क्षेत्र मच्छरों के प्रजनन स्थल बन जाएंगे।”

विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सड़कों से बारिश का पानी निकालना, नालों की सफाई और वर्षा जल संचयन (rainwater harvesting) को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि भूजल स्तर में सुधार किया जा सके और शहरी बाढ़ की संभावना को कम किया जा सके।