वाणिज्य मंत्रालय अमेरिका के भारी शुल्क से बचाव को लेकर निर्यातकों से करेगा चर्चा

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 27-08-2025
Commerce Ministry will discuss with exporters to avoid heavy US duty and increase exports to new markets
Commerce Ministry will discuss with exporters to avoid heavy US duty and increase exports to new markets

 

नई दिल्ली

वाणिज्य मंत्रालय इस सप्ताह रसायन, रत्न एवं आभूषण सहित विभिन्न क्षेत्रों के निर्यातकों के साथ अहम बैठकें करने जा रहा है। इसका उद्देश्य अन्य देशों में निर्यात बढ़ाने के रास्ते तलाशना है, ताकि भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा लगाए गए 50% भारी शुल्क से बचा जा सके। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय 2025-26 के बजट में घोषित ‘निर्यात संवर्धन मिशन’ को जल्द लागू करने की दिशा में तेजी से काम कर रहा है

उन्होंने कहा,“अगले दो-तीन दिनों में मंत्रालय संबंधित पक्षों के साथ बैठक करेगा ताकि अन्य बाजारों में निर्यात बढ़ाया जा सके और अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को कम किया जा सके।”

अमेरिका में 27 अगस्त से लागू हुआ नया शुल्क संरचना भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ा झटका है। इससे 48 अरब डॉलर से अधिक के निर्यात पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।

इन भारी शुल्कों का असर मुख्य रूप से इन क्षेत्रों पर पड़ेगा:

  • कपड़ा और वस्त्र

  • रत्न एवं आभूषण

  • झींगा (सीफूड)

  • चमड़ा और जूते

  • पशु उत्पाद

  • रसायन

  • इलेक्ट्रिकल और यांत्रिक मशीनरी

हालांकि, औषधि, ऊर्जा उत्पाद और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों को इन शुल्कों से छूट दी गई है।भारत ने 2024-25 में कुल 437.42 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात किया, जिसमें अमेरिका की हिस्सेदारी लगभग 20% रही।

गौरतलब है कि अमेरिका वर्ष 2021-22 से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच कुल द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर का रहा, जिसमें भारत का निर्यात 86.5 अरब डॉलर और आयात 45.3 अरब डॉलर रहा।

सरकार का मानना है कि वैकल्पिक बाजारों और निर्यात संवर्धन उपायों के जरिए भारतीय निर्यातकों को इस चुनौती से उबरने में मदद मिल सकती है।