ढाका
बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने देश की अंतरिम सरकार से उनकी मां की अवामी लीग पार्टी पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने की मांग की है। वाजेद का कहना है कि इस प्रतिबंध के बिना चुनाव कराना केवल एक ढकोसला होगा और इससे देश की राजनीतिक अस्थिरता बनी रहेगी।
सजीब वाजेद ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “चुनाव समावेशी, स्वतंत्र और निष्पक्ष होने चाहिए। वर्तमान में जो हो रहा है वह वास्तव में मेरी मां और हमारे राजनीतिक नेताओं को चुनाव लड़ने से रोकने की कोशिश है। यह न्याय के नाम पर की जा रही राजनीतिक हेराफेरी है।”
बांग्लादेश में फरवरी 2026 में चुनाव होने की उम्मीद है। यह देश में पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह के बाद पहला चुनाव होगा, जिसने हसीना को सत्ता से बेदखल कर दिया और उन्हें भारत भागने पर मजबूर किया। विद्रोह के तीन दिन बाद नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अंतरिम सरकार संभाली और सुधार एवं व्यवस्था बहाल करने का वादा किया।
वाजेद ने कहा कि अवामी लीग को चुनाव की तैयारी का पर्याप्त समय नहीं दिया गया है, और अगर प्रतिबंध अंतिम समय में हट भी दिया गया, तो चुनाव केवल एक ढकोसला ही साबित होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि देश की अस्थिरता से इस्लामी ताकतों को लाभ हो सकता है और यूनुस सरकार उन्हें सत्ता में लाने के लिए चुनावों में धांधली कर रही है।
सजीब वाजेद ने अपनी मां की सरकार की कुछ शुरुआती गलतियों को स्वीकार किया, लेकिन पिछले साल हुए प्रदर्शन में हुई हिंसा में मौतों की संख्या को संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट से कम बताया। उन्होंने कहा कि विद्रोह के बाद से लगभग 500 अवामी लीग कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है और 31 पार्टी कार्यकर्ताओं की हिरासत में मौत हुई है।
वाजेद ने अंतरिम सरकार पर मानवाधिकारों और राजनीतिक अधिकारों के उल्लंघन, हजारों पार्टी समर्थकों को जेल में रखने और उनके खिलाफ अन्यायपूर्ण कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल समावेशी और निष्पक्ष चुनाव ही बांग्लादेश को स्थिर कर सकते हैं।