भारत विकसित कर रहा है घातक बंकर-बस्टर मिसाइल, दुश्मन के भूमिगत ठिकानों को मटियामेट करने की तैयारी

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 03-07-2025
India is developing a deadly bunker-buster missile, preparing to destroy the enemy's underground hideouts
India is developing a deadly bunker-buster missile, preparing to destroy the enemy's underground hideouts

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली 

भारत अब दुश्मनों के ज़मीन के नीचे छिपे सुरक्षित ठिकानों को भी ध्वस्त करने की क्षमता हासिल करने की ओर तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) देश की सबसे घातक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल ‘अग्नि-5’ के दो अत्याधुनिक ‘बंकर बस्टर’ संस्करणों पर काम कर रहा है.

यह मिसाइलें इतनी ताकतवर होंगी कि ये 80 से 100 मीटर गहराई तक मिट्टी, कंक्रीट और स्टील की परतों को भेदकर भी दुश्मन के बंकरों, मिसाइल शेल्टर्स और कमांड पोस्टों को तबाह कर देंगी.

 क्या है अग्नि-5 बंकर बस्टर की ताकत ?

  • पहला संस्करण 2,500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लक्ष्य को सुपरसोनिक स्पीड से भेद सकेगा, और 7,500 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जाने में सक्षम होगा.

  • दूसरा संस्करण 5,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर अत्यधिक सटीकता से हमला करेगा, जिससे यह एशिया के किसी भी कोने में स्थित दुश्मन के ठिकानों को खत्म कर सकता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि यह मिसाइल अमेरिका की प्रसिद्ध GBU-57 बंकर बस्टर बम जैसी ही घातक क्षमता रखती है, जिसे हाल ही में ईरान के परमाणु केंद्रों पर इस्तेमाल किया गया था.

 क्यों जरूरी हैं बंकर-बस्टर मिसाइलें?

बंकर बस्टर कोई सामान्य बम नहीं होता। यह जमीन की सतह से टकराने के बाद गहराई में जाकर अंदर ही अंदर धमाके करता है. इसका मकसद होता है दुश्मन के भूमिगत सैन्य ठिकानों, कमांड सेंटर्स, हथियार डिपो और मिसाइल साइलो को तबाह करना—जिन तक पारंपरिक बम नहीं पहुंच पाते.

 यह सिर्फ हथियार नहीं, एक रणनीतिक संदेश है: पूर्व सैन्य अधिकारी

भारतीय सेना के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल उत्पल भट्टाचार्य कहते हैं,“यह हथियार दुश्मनों के लिए एक चेतावनी है. यह सिर्फ हमला नहीं करता, बल्कि कई चरणों में भीतर तक घुसकर बार-बार विस्फोट करता है. यह भारत की रणनीतिक ताकत को एक नया आयाम देगा.”

वे आगे कहते हैं कि चीन और पाकिस्तान जैसे देश भूमिगत बंकरों और मिसाइल बेस पर भारी निवेश कर रहे हैं. ऐसे में भारत के पास यह क्षमता होनी जरूरी है, ताकि हम भी संतुलन बनाए रख सकें और संभावित खतरों को समय रहते जवाब दे सकें.

 बंकरों को भेदने की क्षमता, युद्ध की दिशा बदल सकती है

वरिष्ठ पत्रकार जयंत रॉय चौधरी कहते हैं:“चीन के पास पहले से DF-15 जैसे बंकर बस्टर हथियार हैं. पाकिस्तान भी अपने कमांड और कंट्रोल इंफ्रास्ट्रक्चर को भूमिगत कर चुका है. ऐसे में भारत के पास ऐसी मिसाइलें होना अत्यावश्यक है। इससे शत्रु भारत पर हमला करने से पहले सोचने पर मजबूर हो जाएगा.

 रणनीतिक सुरक्षा के नए युग में प्रवेश

भारत का यह प्रयास केवल एक सैन्य विकास नहीं, बल्कि रणनीतिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक सैन्य संतुलन में भागीदारी का स्पष्ट संकेत है. अग्नि-5 के ये संस्करण आने वाले समय में भारत को न सिर्फ एशिया में बल्कि वैश्विक मंच पर एक प्रमुख सैन्य शक्ति के रूप में स्थापित करेंगे.

भारत की यह बंकर बस्टर मिसाइलें सिर्फ एक हथियार नहीं, बल्कि रणनीतिक प्रतिरोध और शक्ति संतुलन की रीढ़ बनेंगी। जब दुश्मन जानता होगा कि ज़मीन के नीचे भी कोई जगह सुरक्षित नहीं, तब शांति की कीमत और उसके मायने दोनों बदल जाते हैं.