नई दिल्ली
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) और भारतीय सेना दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में 29 जुलाई से 1 अगस्त तक भूकंप की तैयारियों को लेकर टेबलटॉप एक्सरसाइज़ और मॉक ड्रिल आयोजित करेंगी। यह जानकारी एनडीएमए के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन ने दी।
उन्होंने सोमवार को एएनआई से बातचीत में बताया कि इस अभ्यास में दिल्ली के 11 ज़िले, उत्तर प्रदेश के 2 ज़िले और हरियाणा के 6 ज़िले भाग लेंगे।
उन्होंने कहा, “यह एक सुनियोजित मॉक ड्रिल होगी, जिसे पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। इसमें उत्तर प्रदेश के दो और हरियाणा के छह जिले भी सक्रिय भागीदारी करेंगे, साथ ही दिल्ली के 11 ज़िले भी शामिल होंगे।”
हसनैन ने बताया कि 29 जुलाई को मानेकशॉ सेंटर में एक संगोष्ठी (Symposium) का आयोजन किया जाएगा, जबकि 30 जुलाई को सभी ज़िलों के प्रतिनिधियों के साथ टेबलटॉप अभ्यास किया जाएगा।
उन्होंने कहा, “हम जिन खतरों से निपटने की तैयारी कर रहे हैं, वे हैं भूकंप और रासायनिक दुर्घटनाएँ। टेबलटॉप अभ्यास के दौरान ज़िला प्रतिनिधियों को अलग-अलग आपात स्थितियाँ दी जाएंगी और देखा जाएगा कि वे किस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं।”
लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) हसनैन ने आगे बताया कि 1 अगस्त को यही टेबलटॉप एक्सरसाइज़ मौके पर जमीन पर मॉक ड्रिल के रूप में की जाएगी।
उन्होंने कहा, “हमें हर परिस्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। पहली बार सेना की ओर से इतनी बड़ी पहल की जा रही है।”
उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के उपाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) योगेंद्र डिमरी ने एएनआई से कहा, “यह संपूर्ण अभ्यास तीन दिनों तक चलेगा। 29 जुलाई को संगोष्ठी होगी जिसमें सभी एजेंसियाँ अपने विचार साझा करेंगी, 30 जुलाई को टेबलटॉप अभ्यास होगा।”
उन्होंने बताया कि “उत्तर प्रदेश से ग़ाज़ियाबाद और गौतम बुद्ध नगर इस भूकंप पर केंद्रित मॉक ड्रिल में भाग लेंगे। 1 अगस्त को दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की संयुक्त मॉक ड्रिल होगी। लोगों की प्रतिक्रिया से हमें खामियों को समझने और भविष्य की योजना बनाने में मदद मिलेगी।”
यह मॉक ड्रिल जुलाई में दिल्ली-एनसीआर में आए कई भूकंपों के बाद की जा रही है।
गौरतलब है कि 11 जुलाई को हरियाणा के झज्जर में आए 3.7 तीव्रता के भूकंप के बाद दिल्ली-एनसीआर में झटके महसूस किए गए थे। इससे एक दिन पहले क्षेत्र में 4.4 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके अलावा, 17 जुलाई को रोहतक और 22 जुलाई को फरीदाबाद में भी क्रमशः 3.3 और 3.2 तीव्रता के भूकंप दर्ज किए गए थे।
इन घटनाओं को देखते हुए यह अभ्यास बेहद अहम माना जा रहा है।