नई दिल्ली
उत्तर कोरिया के राष्ट्रपति किम जोंग उन ने हाल ही में चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित एक सैन्य परेड के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। यह बैठक 4 अगस्त को हुई, जिसमें दोनों नेताओं के बीच कई छोटी-छोटी बातचीत भी शामिल रहीं।
पुतिन-किम शिखर वार्ता के बाद टेलीग्राम पर साझा किए गए एक वीडियो में देखा गया कि उत्तर कोरियाई सुरक्षा अधिकारी किम जोंग उन द्वारा छुई गई हर सतह को तुरंत पोंछते और साफ़ करते दिखाई दिए।
एक गार्ड कुर्सी के हत्थों और पिछले हिस्से को पोंछ रहा था।
बैठक कक्ष की मेज़ भी पूरी तरह से साफ़ की गई।
किम का इस्तेमाल किया गया गिलास ट्रे में रखकर ले जाया गया।
रूसी पत्रकार अलेक्जेंडर युनासेव ने अपने चैनल ‘युनासेव लाइव’ पर कहा,
“बातचीत के बाद, उत्तर कोरियाई टीम ने सावधानीपूर्वक किम की मौजूदगी के सभी निशान मिटा दिए। जिस गिलास से उन्होंने शराब पी थी, कुर्सी के कपड़े और फर्नीचर तक को पोंछ दिया गया।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया किम जोंग उन के डीएनए के किसी भी संभावित उपयोग को रोकने के लिए अपनाई गई। आशंका जताई जा रही है कि उत्तर कोरियाई सुरक्षा बलों को चीन या रूस द्वारा निगरानी और जैविक जानकारी हासिल किए जाने का डर था।
किम जोंग उन अकेले ऐसे नेता नहीं हैं जो अपने डीएनए को लेकर सतर्क रहते हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार, व्लादिमीर पुतिन भी अपने डीएनए को चोरी होने से बचाने के लिए बेहद सतर्क रहते हैं।
2017 से ही, जब भी पुतिन विदेश जाते हैं, उनके अंगरक्षक उनका मल-मूत्र विशेष थैलों में भरकर रूस वापस ले जाते हैं।
हाल ही में अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ बैठक के दौरान भी यही प्रोटोकॉल अपनाया गया था। रूसी सुरक्षा एजेंटों ने पुतिन का जैविक कचरा सूटकेस में पैक करके सीधे मास्को पहुंचाया।