खान यूनिस
गाज़ा पट्टी में शनिवार को इजरायल के हमलों और गोलीबारी में कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई। स्थानीय अस्पतालों ने इसकी पुष्टि की।दक्षिणी गाज़ा के नासिर अस्पताल और स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, तड़के हुए हमलों में 14 लोग मारे गए, जिनमें से आधे से ज़्यादा महिलाएं और बच्चे थे। बताया गया कि हमलों का निशाना खान यूनिस में विस्थापितों के लिए बनाए गए तंबू बने, जहां लाखों लोग गाज़ा के अन्य इलाकों से भागकर शरण लिए हुए हैं।
उत्तरी गाज़ा में ज़िकिम क्रॉसिंग के पास इजरायली गोलीबारी में कम से कम पांच लोगों की मौत हुई। ये लोग वहां राहत सामग्री लेने के लिए जुटे थे। यही क्रॉसिंग संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों के राहत काफिलों के प्रवेश मार्ग के रूप में इस्तेमाल होती है।
फलस्तीनी रेड क्रिसेंट और अस्पतालों ने बताया कि गाज़ा के अन्य हिस्सों में हुए हमलों में छह और लोग मारे गए।
मानवीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि युद्ध जारी रहने और खाद्य आपूर्ति पर इजरायल के प्रतिबंध की वजह से गाज़ा में भुखमरी गंभीर रूप ले रही है।
‘इंटीग्रेटेड फूड सिक्योरिटी फेज़ क्लासिफिकेशन (IPC)’ की हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि गाज़ा शहर पहले ही अकाल की स्थिति में है। यदि लड़ाई और सहायता पर रोक जारी रही, तो यह संकट और फैल सकता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, गाज़ा की कुल आबादी का करीब चौथाई हिस्सा यानी पांच लाख लोग भयावह भुखमरी का सामना कर रहे हैं। लगातार विस्थापन और भोजन की कमी ने हालात और बिगाड़ दिए हैं।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने IPC की रिपोर्ट को "झूठा" बताते हुए खारिज किया और उल्टा हमास पर बंधकों को भूखा रखने का आरोप लगाया।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ने के बाद इजरायल ने हाल के हफ्तों में हवाई और ज़मीनी मार्ग से सीमित राहत सामग्री भेजने की अनुमति दी है, लेकिन संयुक्त राष्ट्र और अन्य एजेंसियों का कहना है कि यह मौजूदा जरूरतों के लिए निहायत अपर्याप्त है।