इज़राइल ग़ाज़ा युद्धविराम के बीच बचे हुए बंधकों की रिहाई की तैयारी में, संकट बरकरार

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 13-10-2025
Israel prepares to release remaining hostages amid Gaza ceasefire, crisis persists
Israel prepares to release remaining hostages amid Gaza ceasefire, crisis persists

 

काहिरा

सोमवार को इज़राइल ग़ाज़ा से बचे हुए 20 जीवित बंधकों का स्वागत करने की तैयारी कर रहा है, साथ ही मृतकों की कपावट (remains) लौटाने की प्रक्रिया तेज करने की उम्मीद है। यह बंधकों और क़ैदियों के आदान‑प्रदान की वह अहम घटना है, जो दो वर्षों के युद्ध के बाद संघर्षविराम पर अमल का पहला बड़ा कदम मानी जा रही है।

जीवित बंधकों की रिहाई पहले

विश्वदीप टीवी चैनलों ने बंधकों की रिहाई से पहले विशेष कार्यक्रम दिखाए। तेल अवीव के Hostages Square के पास लोग भोर से ही भीड़ बनाने लगे, बड़ी स्क्रीन पर ख़बरों का ट्रांसमिशन हो रहा था।

अब तक यह निश्चित है कि 20 जीवित बंधकों को एक साथ रिहा किया जाएगा। उन्हें पहले अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस कमेटी को सौंपा जाएगा, फिर इज़राइली सेना उन्हें Reim सैन्य अड्डे ले जाएगी, जहां वे परिवारों से मिल सकेंगे।

माना जा रहा है कि 28 और बंधकों की मृत देहें उसी समय नहीं लौटेंगी। इज़राइल के बंधकों और गायब व्यक्तियों के समन्वयकर्ता गैल हिर्श ने कहा है कि यदि किसी शव को 72 घंटे के भीतर नहीं लौटाया गया, तो एक अंतर्राष्ट्रीय टास्क फोर्स उसे ढूंढने में मदद करेगी।

क़ैदी — बंधुओं के बदले

संघर्षविराम समझौते के अनुसार, इज़राइल लगभग 2,000 फ़िलिस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा। इनमें से लगभग 1,700 लोग ग़ाज़ा से युद्ध के दौरान हिरासत में लिए गए थे और बिना मुकदमे के रखे गए थे।

इसके अलावा 250 ऐसे कैदी हैं जिन पर हमले, बम विस्फोट या अन्य राजनीतिक हिंसा के आरोप थे।यह अभी स्पष्ट नहीं है कि किन कैदियों को ग़ाज़ा भेजा जाएगा, किन्हें वेस्ट बैंक भेजा जाएगा या किसे निर्वासन (exile) किया जाएगा।

पलестीनियों उन्हें स्वतंत्रता सेनानी मानते हैं, जबकि इज़राइल उन्हें आतंकवादी कहता है। इज़राइल ने वेस्ट बैंक के निवासियों को चेतावनी दी है कि कैदियों की रिहाई पर सार्वजनिक जश्न नहीं मनाया जाए — यह जानकारी एक कैदी के परिवार और एक फ़िलिस्तीनी अधिकारी ने दी, जिन्होंने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बातचीत की।

ट्रम्प की यात्रा — शांति की दिशा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प इज़राइल में पहुंचेंगे और वहाँ बंधकों के परिवारों से मुलाक़ात करेंगे। इसके बाद वे Knesset (इजराइली संसद) को संबोधित करेंगे। व्हाइट हाउस की रणनीति यह दिखाती है कि रिहाई की इस घटना को एक बड़ा राजनयिक शिखर बनाया गया है।

ट्रम्प की अगली पारी मिस्र होगी, जहाँ वे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय नेताओं के साथ “शांति सम्मेलन” की सह-अध्यक्षता करेंगे। इसमें फिलिस्तीनी अथॉरिटी के प्रमुख महमूद अब्बास भी भाग लेंगे। माना जा रहा है कि इस सम्मेलन के दौरान युद्धबाद प्रक्रिया और शांति की रूपरेखा पर वार्ता होगी।

इज़राइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू अब्बास को युद्धबाद ग़ाज़ा में कोई भूमिका देने के पक्ष में नहीं हैं, लेकिन अमेरिकी योजना में इस संभावना को जगह दी गई है, विशेष रूप से यदि फ़िलिस्तीनी अथॉरिटी में सुधार हो जाए।

ग़ाज़ा का भविष्य — अधुरी चुनौतियाँ

बंधकों और कैदियों का आदान‑प्रदान एक महत्वपूर्ण कदम है, लेकिन अभी भी कई बड़े प्रश्न अनसुलझे हैं:

  • इज़राइल चाहता है कि हमास हथियार डाल दे।

  • हमास चाहता है कि इज़राइल पूरी तरह से ग़ाज़ा से सेना हटाए।

  • ग़ाज़ा की भविष्य की सरकार कौन चलाएगी?

  • ग़ाज़ा के पुनर्निर्माण की लागत कौन वहन करेगा?

  • अंतर्राष्ट्रीय नियंत्रण और फ़िलिस्तीनी तकनीकी अधिकारियों की भूमिका कितनी होगी?

मौजूदा समय में इज़राइली सेना ने ग़ाज़ा सिटी, खान यूनिस और अन्य इलाकों से पीछे हटना शुरू किया है, लेकिन रफ़ाह, उत्तरी ग़ाज़ा और सीमा इलाके में अभी भी सेना मौज़ूद है।

अमेरिकी योजना के अनुसार, एक अंतरराष्ट्रीय संस्था ग़ाज़ा का प्रशासन संभालेगी, और यह प्रस्ताव है कि एक अरब-नेतृत्व वाली सुरक्षा फ़ोर्स वहाँ तैनात हो। इज़राइली सेना भागों को छोड़ती जाएगी जैसे ही अन्य दल तैनात होंगे। लगभग 200 अमेरिकी सैनिक पहले ही इज़राइल में तैनात हो चुके हैं ताकि संघर्षविराम को मॉनिटर किया जा सके।

हालाँकि, फिलिस्तीनी राज्य की संभावना को नेटन्याहू ने ठुकराया है, और यह बिंदु अभी भी विवादित बना हुआ है।

ग़ाज़ा: वीरान ज़मीन

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अब तक इज़राइल ने लगभग 1,90,000 मीट्रिक टन मानवीय सहायता ग़ाज़ा में भेजने की मंज़ूरी दी है।अबृत रूप से, संघर्षविराम समझौते के अनुसार, रोज़ाना लगभग 600 ट्रक राहत सामग्री ग़ाज़ा भेजे जाएंगे।

संयुक्त राष्ट्र के मानवतावादी प्रमुख टॉम फ्लेचर ने कहा,“ग़ाज़ा का अधिकांश हिस्सा वीरान हो गया है। हमें अगले दो महीनों में बुनियादी चिकित्सा और अन्य सेवाएँ बहाल करनी हैं, हजारों टन भोजन और ईंधन ले जाना है, और मलबे हटाना है।”

दो साल का युद्ध — विनाश और पीड़ा

यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ, जब हमास-नेतृत्व में आतंकवादियों ने दक्षिण इज़राइल पर हमले किए, जिनमें लगभग 1,200 लोग मारे गए और 250 बंधक बनाए गए।

इज़राइल की जवाबी कार्रवाई में, ग़ाज़ा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 67,000 से ज़्यादा फ़िलिस्तीनी मारे गए — ministry यह आंकड़ा नागरिक और लड़ाके अलग नहीं करती, लेकिन उनका कहना है कि लगभग आधी संख्या महिलाएँ और बच्चे हैं।

यह युद्ध ग़ाज़ा के बड़े हिस्सों को तहस-नहस कर गया है, लगभग 90 प्रतिशत जनता विस्थापित हो गई है। यह केवल इज़राइल और हमास का संघर्ष नहीं, पूरे क्षेत्र के लिए व्यापक प्रतिध्वनि पैदा करने वाला युद्ध है — जिसने प्रतिरोध आंदोलन, वैश्विक प्रदर्शन और युद्ध-उत्पीड़न के आरोप बढ़ाए हैं।