यरुशलम
इज़राइल के विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा है कि भारत और इज़राइल के बीच संबंध आज “इतने मजबूत हैं जितने पहले कभी नहीं थे” और दोनों देशों के बीच सहयोग के “अनंत अवसर” मौजूद हैं। उन्होंने भारत–मध्य पूर्व–यूरोप आर्थिक गलियारा (IMEC) को भी इज़राइल के लिए एक “अत्यंत सकारात्मक और महत्वपूर्ण पहल” बताया।
भारतीय पत्रकारों के एक समूह से बातचीत में अधिकारी ने कहा कि“भारत और इज़राइल के संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं—नागरिक क्षेत्रों से लेकर सैन्य और रक्षा सहयोग तक।”
IMEC: इज़राइल के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मंच
अधिकारी ने IMEC को “बेहतरीन संकल्पना” बताते हुए कहा कि फिलहाल जॉर्डन और इज़राइल दो ऐसे देश हैं जिन्होंने औपचारिक रूप से इस पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं।उन्होंने कहा,“पहले चरण के लिए हमारी इच्छा है कि ये दोनों देश इस बड़े ढाँचे का हिस्सा बनें। इज़राइल इस परियोजना को गंभीरता से देख रहा है।”
IMEC की घोषणा सितंबर 2023 में जी20 शिखर सम्मेलन (दिल्ली) में हुई थी।यह पहल भारत से लेकर सऊदी अरब, यूरोपीय संघ, यूएई और अमेरिका को जोड़ते हुए व्यापार, संपर्क और स्थिरता को नई दिशा देने के उद्देश्य से तैयार की गई है।
लेकिन IMEC के अस्तित्व में आने के कुछ ही सप्ताह बाद 7 अक्टूबर को हमास ने इज़राइल पर हमला कर दिया, जिसका सीधा असर परियोजना की प्रगति पर पड़ा।
“7 अक्टूबर के बाद हिचकिचाहट बढ़ी है” — इज़राइली अधिकारी
अधिकारी ने कहा,“हमास के हमले ने इस तरह की सभी पहलों पर ब्रेक लगा दिया है। युद्ध जारी रहने तक कई देश इससे जुड़ने में हिचकिचा रहे हैं। भले ही शांति योजना बनाई जाए, लेकिन सबके मन में यह सवाल है कि अगर भविष्य में फिर युद्ध छिड़ गया तो?”
उन्होंने यह भी कहा कि IMEC तब तक आगे नहीं बढ़ सकता जब तक सऊदी अरब को गाज़ा में ‘वास्तविक प्रगति’ दिखाई न दे।सऊदी अरब ने स्पष्ट किया है कि इज़राइल से रिश्तों के सामान्यीकरण के लिए फिलिस्तीन के लिए “ठोस कदम” उठाए जाने जरूरी हैं।
IMEC बनाम चीन का BRI
कई विशेषज्ञ IMEC को चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का संतुलित और प्रतिस्पर्धी विकल्प मानते हैं।BRI दर्जनों देशों में अरबों डॉलर की बुनियादी ढांचा परियोजना है।
इज़राइल चाहता है—भारत हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करे
अधिकारी ने कहा कि इज़राइल दुनिया भर से, विशेषकर भारत से, हमास को आतंकवादी संगठन घोषित करने का आग्रह कर रहा है।उन्होंने कहा,“अगर भारत हमास को सूचीबद्ध करता है तो इसका असर वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ा होगा। भारत का कदम कई पड़ोसी देशों के लिए दिशा तय करता है।”