ईरान के सेंट्रीफ्यूज निर्माण केंद्रों पर इजरायल के हमले, IAEA ने की पुष्टि

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 18-06-2025
Israel attacks Iran's centrifuge manufacturing centers, IAEA confirms
Israel attacks Iran's centrifuge manufacturing centers, IAEA confirms

 

तेहरान (ईरान)

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि हाल ही में हुए हमलों में ईरान के दो सेंट्रीफ्यूज निर्माण केंद्र – टेहऱान रिसर्च सेंटर और टेसा करज वर्कशॉप – को निशाना बनाया गया है।

IAEA ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "IAEA को जानकारी मिली है कि ईरान में दो सेंट्रीफ्यूज निर्माण स्थलों – टेसा करज वर्कशॉप और तेहरान रिसर्च सेंटर – पर हमले हुए हैं। ये दोनों स्थल पहले JCPOA के तहत IAEA की निगरानी में थे।"

एजेंसी ने आगे लिखा, "तेहरान स्थित केंद्र में उस इमारत को निशाना बनाया गया जहां उन्नत सेंट्रीफ्यूज रोटर बनाए और परीक्षण किए जाते थे। वहीं करज में दो इमारतें नष्ट की गईं, जहां विभिन्न सेंट्रीफ्यूज पुर्जों का निर्माण होता था।"

इस बीच भारत में ईरान के दूतावास ने IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी के बयान को साझा करते हुए कहा कि एजेंसी के पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ईरान परमाणु हथियार बना रहा है।

दूतावास ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, "IAEA के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने स्वीकार किया कि ईरान परमाणु हथियार नहीं बना रहा है। ‘हमने जो रिपोर्ट किया वह यह था कि हमारे पास ईरान की ओर से परमाणु हथियार की दिशा में संगठित प्रयास का कोई सबूत नहीं था।’"

IAEA प्रमुख ग्रॉसी ने एक इंटरव्यू में कहा, "हमने जो सूचना दी और रिपोर्ट किया वह यह था कि हमारे पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि ईरान ने परमाणु हथियार बनाने की दिशा में कोई व्यवस्थित कदम उठाया है।"

इससे पहले, टाइम्स ऑफ इज़राइल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हिब्रू मीडिया ने रविवार को बताया था कि इजरायली खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली थी कि ईरानी वैज्ञानिकों ने परमाणु हथियार के डिजाइन में सफल परीक्षण किए हैं, जिससे ईरान बम बनाने से कुछ ही हफ्तों की दूरी पर आ गया था।

रिपोर्ट के अनुसार, यह "गोल्डन इनफॉर्मेशन" खुफिया अधिकारियों ने इजरायली राजनीतिक नेतृत्व को दी थी, जिसके बाद शुक्रवार को प्रीएंप्टिव स्ट्राइक (पूर्व-खतरे को रोकने के लिए हमला) करने का निर्णय लिया गया। सेना रेडियो के हवाले से बताया गया कि सुरक्षा अधिकारियों को आशंका थी कि उपलब्ध जानकारी से कहीं आगे ईरान का परमाणु कार्यक्रम हो सकता है।

इसी बीच अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि ईरान किसी भी स्थिति में परमाणु हथियार नहीं बना सकता। यह बयान ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के बीच आया है और यह ट्रंप प्रशासन की नीति की पुनः पुष्टि करता है।