बीरशेबा (इजराइल)
ईरान की एक मिसाइल गुरुवार तड़के इजराइल के दक्षिणी शहर बीरशेबा स्थित मुख्य अस्पताल ‘सोरोका मेडिकल सेंटर’ पर आ गिरी, जिससे अस्पताल को “व्यापक क्षति” पहुंची। हालांकि अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस हमले में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है।
ईरान द्वारा दागी गई अन्य मिसाइलें तेल अवीव के पास एक ऊंची इमारत और कई रिहायशी इलाकों पर गिरीं। मैगन डेविड एडोम बचाव सेवा के मुताबिक, इन हमलों में कम से कम 40 लोग घायल हुए हैं।
हमले के बाद इजराइल के रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “ईरान के सर्वोच्च नेता का अस्तित्व अब नहीं बचेगा।”
बीरशेबा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर से घना काला धुआं उठता देखा गया, और आपातकालीन सेवाओं द्वारा मरीजों को तुरंत बाहर निकाला गया। इजराइली मीडिया ने अस्पताल परिसर में टूटी खिड़कियों और धुएं से ढंके आसमान के दृश्य दिखाए।
इजराइल का जवाबी हमला: अराक रिएक्टर को निशाना
इस बीच इजराइली सेना ने ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर हवाई हमला किया, जिससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई। यह हमला संघर्ष के सातवें दिन किया गया है, जो इजराइल द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों, वरिष्ठ अधिकारियों और वैज्ञानिकों पर अचानक हमले शुरू करने के बाद भड़क उठा था।
वॉशिंगटन स्थित एक ईरानी मानवाधिकार संगठन के अनुसार, अब तक ईरान में कम से कम 639 लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें 263 आम नागरिक भी शामिल हैं, और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में करीब 400 मिसाइल और सैकड़ों ड्रोन इजराइल पर दागे, जिनमें 24 इजराइली नागरिकों की मौत हुई और सैकड़ों घायल हुए। हालांकि इजराइल की बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली ने अधिकांश हमलों को बीच में ही नष्ट कर दिया।
कूटनीतिक पहल के संकेत
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने घोषणा की है कि वह शुक्रवार को जिनेवा में ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात करेंगे। यह संकेत है कि इस तनावपूर्ण स्थिति के बीच कोई नई कूटनीतिक पहल आकार ले सकती है।
अमेरिका की भूमिका और चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह सिर्फ संघर्षविराम से संतुष्ट नहीं हैं, और यह भी नहीं नकारा कि अमेरिका इजराइल के साथ सैन्य कार्रवाई में शामिल हो सकता है। ईरान ने चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका ने युद्ध में सीधी भागीदारी की, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अस्पताल पर हमले का विवरण
‘सोरोका मेडिकल सेंटर’, जो इजराइल के दक्षिण में 10 लाख से अधिक लोगों को सेवाएं देता है, इस मिसाइल हमले में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है। अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, इसमें 1,000 से अधिक बेड हैं।
अस्पताल के दो डॉक्टरों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि जैसे ही हवाई हमले का सायरन बजा, उसी समय विस्फोट हुआ।
हमले में अस्पताल की पुरानी इमारत को भारी नुकसान पहुंचा, जो कभी ऑपरेशन थिएटर के रूप में इस्तेमाल होती थी, लेकिन हाल ही में खाली करा ली गई थी। फिलहाल अस्पताल को नए रोगियों के लिए बंद कर दिया गया है और केवल आपातकालीन स्थिति वाले मरीजों को ही भर्ती किया जा रहा है।
नेतन्याहू की प्रतिक्रिया
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अस्पताल पर हमले को “मानवता के खिलाफ अपराध” बताया और कहा कि “हम तेहरान के अत्याचारियों से इसकी पूरी कीमत वसूलेंगे।”
पिछले सप्ताह ही इजराइल के कई अस्पतालों ने आपातकालीन योजना लागू कर दी थी और भूमिगत पार्किंग क्षेत्रों को वैकल्पिक वार्ड में बदलना शुरू कर दिया था।
परमाणु रिएक्टर पर हमले का असर
इजराइली सेना के अनुसार, अराक रिएक्टर को निशाना बनाने का उद्देश्य प्लूटोनियम उत्पादन को रोकना था, जिसका इस्तेमाल परमाणु हथियारों में किया जा सकता है। ईरान के सरकारी टेलीविजन ने कहा कि हमले से कोई विकिरण खतरा नहीं उत्पन्न हुआ है, क्योंकि रिएक्टर को पहले ही खाली कर दिया गया था और आसपास के नागरिक इलाकों को कोई नुकसान नहीं हुआ।
इजराइल ने हमले से पहले चेतावनी जारी कर दी थी और लोगों से क्षेत्र खाली करने को कहा था। अराक रिएक्टर, तेहरान से लगभग 250 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित है।
बढ़ते खतरे की आहट
इससे एक दिन पहले ईरान के सर्वोच्च नेता ने अमेरिका द्वारा आत्मसमर्पण की अपील को खारिज करते हुए चेतावनी दी थी कि “यदि अमेरिका सैन्य हस्तक्षेप करता है, तो उसे अपूरणीय क्षति उठानी पड़ेगी।”
संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुका है और हर पक्ष की अगली कार्रवाई पर ही यह निर्भर करेगा कि यह युद्ध और व्यापक रूप लेता है या कोई राजनयिक समाधान निकलता है।