ताइपे (ताइवान)
चीन ने बृहस्पतिवार देर रात से शुक्रवार सुबह के बीच ताइवान की ओर कुल 74 लड़ाकू विमान भेजे, जिनमें से 61 विमानों ने ताइवान जलडमरूमध्य की मध्य रेखा पार की। यह मध्य रेखा चीन और ताइवान के बीच अनौपचारिक सीमा के रूप में मानी जाती है।
ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इस बड़े पैमाने पर विमानों को भेजने का कारण अभी स्पष्ट नहीं है। यह भी कहा गया कि ये विमान दो अलग-अलग समय पर तैनात किए गए।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इस तरह की सैन्य गतिविधियों का उपयोग द्वीप को घेरने या उस पर दबाव बनाने के लिए करता है।
ताइवान के विदेश मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को ब्रिटिश रॉयल नेवी के अपतटीय गश्ती जहाज ‘एचएमएस स्पी’ के एक दिन पहले ताइवान जलडमरूमध्य से गुजरने की पुष्टि की और इसका स्वागत किया। मंत्रालय ने कहा, "यह एक बार फिर इस जलडमरूमध्य के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र होने की पुष्टि करता है।"
ब्रिटेन के ताइपे में प्रतिनिधित्व कार्यालय ने कहा कि ‘एचएमएस स्पी’ ने अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र समुद्री कानून संधि के तहत ताइवान जलडमरूमध्य में नौवहन किया है।
चीन ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पूर्वी थियेटर कमान ने पूरी घटना पर नजर रखी और आवश्यकतानुसार सुरक्षा के लिए सैनिकों को सक्रिय किया। पूर्वी थियेटर कमान ने कहा कि ब्रिटिश जहाज की यह कार्रवाई "जानबूझकर स्थिति बिगाड़ने और ताइवान जलडमरूमध्य की शांति तथा स्थिरता को कमजोर करने वाली है।"
अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि चीन द्वारा भेजे गए इन विमानों और ब्रिटिश जहाज के ताइवान जलडमरूमध्य में गुजरने के बीच कोई संबंध है या नहीं।