खोजी रिपोर्ट की अंतिम कड़ी: चीनी प्रोजेक्ट में पाकिस्तानी श्रमिकों को स्वच्छ भोजन भी नसीब नहीं

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 24-11-2022
खोजी रिपोर्ट अंतिम कड़ी: चीनी प्रोजेक्टर में पाकिस्तानी श्रमिकों को स्वच्छ भोजन भी नहीं
खोजी रिपोर्ट अंतिम कड़ी: चीनी प्रोजेक्टर में पाकिस्तानी श्रमिकों को स्वच्छ भोजन भी नहीं

 

मलिक असगर हाशमी

30 साल के इंजीनियर हमजा ने बताया कि चीनी और पाकिस्तानी कामगारों को अलग-अलग खाना मिलता है.उन्होंने कहा, चीनी और पाकिस्तानी श्रमिकों के लिए कैंटीन में पृथक व्यवस्था है. चीनी श्रमिकों को उनका भोजन अच्छी गुणवत्ता का मिलता है, जबकि पाकिस्तानी श्रमिकों को कम गुणवत्ता वाला भोजन दिया जाता है.

श्रमिकों का दावा है कि खराब भोजन खाने के कारण कई श्रमिक बीमार हो चुके हैं. परिसर के अंदर कोई चिकित्सा सहायता उपलब्ध नहीं है.दूसरी ओर कंपनी के झाओ ने दावा किया है कि कंपनी सख्त नीतियों के बावजूद एक पाकिस्तानी डॉक्टर को साइट पर रखने की व्यवस्था करने जा रही रही है.
 
उन्होंने कहा,हमारे यहां, चीनी डॉक्टर हैं, लेकिन पाकिस्तानी डॉक्टर रोजाना घर वापस जाना चाहते हैं.झाओ ने इन आरोपों से इनकार किया कि कंपनी में लौटने वाले श्रमिकों को एक महीने से अधिक समय तक क्वारंटाइन में रखा जाता है.
 
उन्होंने कहा, कुछ मामलों में, श्रमिक 14 दिनों से अधिक समय तक अलग रखे सकते हैं. यदि उन्होंने कोविड-19 संक्रमण है तो ऐसा संभव है. उन्होंने कहा कि श्रमिकों को उनके अलगाव की अवधि के दौरान पूरा भुगतान किया जाता है.
 
एक सुपरक्रिटिकल प्रोजेक्ट

कराची के पास पोर्ट कासिम में कोयले से संचालित पावर प्लांट 1320 एमडब्ल्यू - जिसे पाकिस्तान की सरकार  सुपरक्रिटिकल मानती है. चीन के बीआरआई परियोजनाओं में से एक है.
 
यह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे सीपीईसी का एक हिस्सा है. यहांसीपीईसी के तहत राजमार्गों, रेलवे और ऊर्जा संयंत्रों का विशाल नेटवर्क खड़ा करने की योजना है. हालांकि, अब तक  सीपीईसी परियोजनाओं के तहत कुछ खास काम नहीं हुआ है.
 
इसके उलट विभिन्न परियोजनाओं के लिए 245 अरब अमेरिकी डॉलर (387 अरब डॉलर) के विदेशी कर्ज के साथ, इस्लामाबाद की विदेशी धन पर बढ़ती निर्भरता से पाकिस्तानी विशेषज्ञ बेहद चिंतित हैं. अकेले सीपीईसी परियोजनाओं में 80 अरब अमेरिकी डॉलर (126 अरब डॉलर) से अधिक का योगदान है.
 
विशेषज्ञों का कहना है कि कर्ज के बढ़ते बोझ के चलते चीन के खिलाफ नाराजगी बढ़ रही है. विरोध जतातने के लिएइस साल अप्रैल में कराची के एक विश्वविद्यालय परिसर में खड़ी एक वैन में आत्मघाती हमलावर ने विस्फोट कर तीन चीनी नागरिकों का मौत के घाट उतार दिया था.
 
पाकिस्तान सरकार ने सीपीईसी परियोजनाओं और देश भर में काम कर रहे चीनी नागरिकों की पूर्ण सुरक्षा सुनिश्चित के लिए अगल से इंतजाम किया है. इसके लिए एक विदेशी सुरक्षा सेल स्थापित किया गया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना के 9,000 से अधिक नियमित सैनिक और 6,000 अर्धसैनिक बल के जवान शामिल हैं.
 
एबीसी ने पुष्टि की है कि पाकिस्तानी सेना के लोग कराची बिजली संयंत्र की निगरानी में लगाए गए हैं. इसके लिए एक पत्र में द प्राइवेट पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड ने पाकिस्तानी सेना को भी धन्यवाद किया है. पत्र के अनुसार चीनियों की सुरक्षा में 441 ब्रिगेड कमांडर और 36 वीं बटालियन कमांडर की सहायता ली जा रही है.
 
वैसे, अभी तक पाकिस्तान सरकार ने प्लांट के अंदर सैनिकों की तैनाती को गुप्त रखे है.
 
एक समूह चैट संदेश में चीनी प्रबंधक शाओ लियोन किउ ने पाकिस्तानी श्रमिकों के एक समूह को चेतावनी दी है कि वे सुरक्षा सुविधाओं और सुरक्षा बलों के बारे में कहीं प्रचार या चर्चा नहीं करेंगे.
 
श्री शाओ ने लिखा, प्लांट में तस्वीरें लेना और उन्हें बाहरी दुनिया में भेजना मना है. यदि इसका पता चला, तो सैन्य पुलिस उनके मोबाइल फोन जब्त कर लेगी और नष्ट कर देगी. 
 
पावर चाइना के प्रबंधन की ओर से कर्मचारियों को हिदायत है कि वे संयंत्र में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई चर्चा न करें.इन सबसे परेशान एक श्रमिक का कहना है कि उसकी दिली इच्छा है कि उसे प्रतिष्ठित संगठन में नौकरी मिल जाए ताकि इस जगह को छोड़ सकूं.
 
एक अन्य ने कहा, कराची एक बड़ा शहर है. हममें से कई लोगों के अपने सपने हैं, लेकिन हम अपने सपने और उम्मीदें खो चुके हैं.प्लांट में काम करने वाले युवा इंजीनियर यूसुफ की मां ने बताया कि वह चाहती हैं कि उनका बेटा घर लौट आए.लगभग तीन साल हो गए हैं.
 
अभी तक नहीं लौटा है. मैं अपने बेटे के लिए चिंतित हूं. सरकार भी हमारे बच्चों की मदद नहीं कर रही है.इस बारे में पाकिस्तान के संघीय योजना मंत्री अहसान इकबाल और सीपीईसी की संसदीय समिति के अध्यक्ष शेर अली अरबाब टिप्पणी से संपर्क करने के बावजूद, कोई प्रतिक्रिया नहीं दी.
 
नेशनल इलेक्ट्रिक पावर रेगुलेटरी अथॉरिटी और प्राइवेट पावर एंड इंफ्रास्ट्रक्चर बोर्ड ने भी कोई जवाब नहीं दिया.
 
शी का तीसरा कार्यकाल

इस बीच चीन के विश्लेषकों का कहना है कि देश के 20वीं नेशनल पार्टी कांग्रेस के समापन के बाद चीन की शून्य-कोविड नीति की समीक्षा की उम्मीद है.झाओ ने कहा कि अगले साल जनवरी के बाद प्रतिबंध हटाने के बारे में परियोजना के वरिष्ठ प्रबंधन के बीच चर्चा हुई थी.
 
चूंकि यह चीनी सरकार का निर्णय है. इसलिए शी ही इसपर कोई फैसला ले सकते हैं. यह थोड़ा जटिल है. हमारे सीईओ भी यह निर्णय नहीं ले सकते कि लॉकडाउन उठाया जाए या नहीं. पार्टी की बैठक के बाद स्थिति बदल सकती है.
 
हर पांच साल में एक बार आयोजित होने वाली राष्ट्रीय कांग्रेस पिछले एक दशक में चीन की महत्वपूर्ण राजनीतिक बैठकों में से एक रही है. बैठक के अंत में चीन के अगले शीर्ष राजनीतिक नेतृत्व की घोषणा की गई.
 
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग तीसरे कार्यकाल के लिए चयनित हो गए. कम्युनिस्ट पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने 1979 में राजनीतिक सुधार किए थे. इसके आधार पर शी दो कार्यकाल की सीमा पूरा कर चुके हैं.
 
सुश्री वांग ने कहा, राष्ट्रपति शी का तीसरा कार्यकाल चीन और दुनिया भर में मानवाधिकारों के लिए हानिकारक है. चूंकि चीन में नागरिक समाज की सक्रियता के लिए जगह कम  है, अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए शी की ज्यादतियों को रोकने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए.
 

-नोटः पहचान छुपाने के लिए नाम बदले गए हैं।