जकार्ता. इंडोनेशिया के उपराष्ट्रपति मारुफ अमीन ने मुस्लिम मौलवियों और उपदेशकों को स्टंटिंग और इसे रोकने के प्रयासों पर उपदेश देने के लिए कहा क्योंकि अधिक निवासी धार्मिक हस्तियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करेंगे. उन्होंने उपराष्ट्रपति भवन में कहा, ‘‘मुस्लिम मौलवियों और उपदेशकों की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे समुदाय के बीच मौजूद रहेंगे. उपदेश और धार्मिक सभाएं समुदाय को संदेश फैलाने का एक प्रभावी माध्यम हैं, जिसमें स्टंटिंग मुद्दों और इसे रोकने के प्रयास शामिल हैं.’’
उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया 2021 में किए गए एक सर्वेक्षण में 164 अनुक्रमित देशों में 7वां सबसे धार्मिक देश था और इस प्रकार धार्मिक आंकड़ों को धर्मनिरपेक्ष मुद्दों पर जानकारी के प्रसार में भाग लेना चाहिए, जैसे कि विकास के मुद्दों को कम करना, क्योंकि अधिक निवासी उन पर भरोसा करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘‘इंडोनेशियाई लोगों की विशेषताएं धार्मिक-आधारित शिक्षा के लिए एक अवसर प्रदान करती हैं, जिसका हमें उपयोग करना चाहिए, विशेष रूप से इंडोनेशियाई आबादी का लगभग 87 प्रतिशत मुस्लिम हैं.’’ अमीन नेशनल स्टंटिंग रिडक्शन एक्सेलेरेशन टीम की संचालन समिति के अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं. उन्होंने कहा कि 2021 में इंडोनेशिया न्यूट्रिएंट स्टेटस स्टडी रिपोर्ट के अनुसार, इंडोनेशिया में हर चार में से एक शिशु स्टंटिंग से पीड़ित है.