टोक्यो।
जापान की कैबिनेट ने शुक्रवार को देश के इतिहास के अब तक के सबसे बड़े रक्षा बजट को मंजूरी दे दी है। वित्त वर्ष 2026 के लिए प्रस्तावित यह बजट 9 ट्रिलियन येन (लगभग 58 अरब अमेरिकी डॉलर) से अधिक का है। इस कदम का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में बढ़ते तनाव, खासकर चीन की सैन्य गतिविधियों के बीच, जापान की प्रतिरोधक और जवाबी हमले की क्षमता को मजबूत करना है।
यह बजट पिछले वर्ष की तुलना में 9.4 प्रतिशत अधिक है और जापान की उस पांच वर्षीय योजना का चौथा वर्ष है, जिसके तहत सैन्य खर्च को सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 2 प्रतिशत तक ले जाया जाना है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लंबे समय तक रक्षात्मक नीति अपनाने वाले जापान के लिए यह एक बड़ा रणनीतिक बदलाव माना जा रहा है।
जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने हाल के महीनों में स्पष्ट संकेत दिए हैं कि यदि चीन ताइवान के खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई करता है, तो जापान भी उसमें भूमिका निभा सकता है। अमेरिका के दबाव और क्षेत्रीय सुरक्षा हालात को देखते हुए जापान सरकार ने तय समय से दो साल पहले ही 2 प्रतिशत रक्षा खर्च के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लिया है।
मिसाइल और ड्रोन पर खास ज़ोर
नए बजट में लंबी दूरी की ‘स्टैंड-ऑफ’ मिसाइल क्षमताओं के लिए करीब 970 अरब येन आवंटित किए गए हैं। इसमें देश में विकसित उन्नत टाइप-12 सतह से समुद्र में मार करने वाली मिसाइलों की खरीद शामिल है, जिनकी मारक क्षमता लगभग 1,000 किलोमीटर तक है। इन मिसाइलों की पहली खेप मार्च तक जापान के दक्षिण-पश्चिमी कुमामोटो प्रांत में तैनात की जाएगी, जो तय समय से पहले है।
इसके अलावा, जनसंख्या में गिरावट और सेना में जवानों की कमी को देखते हुए जापान मानवरहित हथियार प्रणालियों पर भी जोर दे रहा है। तटीय रक्षा के लिए ‘SHIELD’ प्रणाली के तहत हवाई, समुद्री और पानी के नीचे चलने वाले ड्रोन तैनात करने पर लगभग 100 अरब येन खर्च किए जाएंगे। शुरुआत में इन ड्रोन का आयात तुर्किये या इज़रायल जैसे देशों से किए जाने की संभावना है।
चीन के साथ बढ़ता तनाव
बजट की घोषणा ऐसे समय हुई है जब जापान और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। हाल ही में दक्षिण-पश्चिमी जापान के पास चीनी विमानवाहक पोतों की गतिविधियों और जापानी विमानों पर चीनी रडार लॉक किए जाने की घटनाओं ने टोक्यो की चिंता बढ़ा दी है। जापान का रक्षा मंत्रालय अब चीन की प्रशांत क्षेत्र में गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक अलग कार्यालय भी खोलने जा रहा है।
संयुक्त सैन्य परियोजनाएं और रक्षा उद्योग
जापान अपने घरेलू रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए मित्र देशों के साथ संयुक्त परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है। 2026 में ब्रिटेन और इटली के साथ मिलकर अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमान के विकास पर 160 अरब येन से अधिक खर्च किए जाएंगे। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया द्वारा जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज़ को अपने युद्धपोत बेड़े के उन्नयन के लिए चुना जाना भी जापानी रक्षा उद्योग के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है।
कुल मिलाकर, यह रिकॉर्ड रक्षा बजट जापान की बदलती सुरक्षा नीति, चीन को लेकर बढ़ती चिंता और वैश्विक रणनीतिक संतुलन में उसकी नई भूमिका को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।






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