वाशिंगटन
भारतीय मूल के प्रसिद्ध सामरिक विश्लेषक और विदेश नीति विशेषज्ञ एशले जे. टेलिस को अमेरिका में राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारी अवैध रूप से प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। टेलिस वर्तमान में वॉशिंगटन स्थित प्रतिष्ठित संस्था ‘कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस’ में वरिष्ठ फेलो हैं और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, रक्षा नीति तथा एशियाई रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं।
अमेरिका के वर्जीनिया पूर्वी जिले के अटॉर्नी कार्यालय ने मंगलवार को जारी बयान में बताया कि 64 वर्षीय टेलिस को सप्ताहांत में वियना (वर्जीनिया) से गिरफ्तार किया गया। उन पर राष्ट्रीय रक्षा से जुड़ी संवेदनशील जानकारी को गैरकानूनी तरीके से प्राप्त करने का गंभीर आरोप है।
अमेरिकी अटॉर्नी लिंडसे हॉलिगन ने कहा, "इस तरह के आरोप हमारे देश की सुरक्षा को गंभीर खतरे में डालते हैं। हम अमेरिका के नागरिकों को विदेशी और घरेलू खतरों से बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।"
बयान के अनुसार, अगर टेलिस दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 10 साल तक की जेल और 2.5 लाख डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है। अंतिम सजा एक संघीय जिला न्यायाधीश द्वारा अमेरिकी दंड नीति और अन्य कानूनी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए तय की जाएगी।
एशले जे. टेलिस, जिनका जन्म मुंबई में हुआ था और जिन्होंने शिकागो विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की, एक प्रतिष्ठित लेखक और नीति सलाहकार रह चुके हैं। वे जॉर्ज डब्ल्यू. बुश प्रशासन के दौरान भारत-अमेरिका असैन्य परमाणु समझौते के प्रमुख शिल्पकारों में से एक थे, जिसने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम दिया।
पूर्व में टेलिस अमेरिकी विदेश सेवा में कार्यरत रहे हैं और नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास में राजदूत के वरिष्ठ सलाहकार भी रहे। इसके अलावा, वे राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में तत्कालीन राष्ट्रपति बुश के विशेष सहायक और दक्षिण-पश्चिम एशिया के वरिष्ठ निदेशक के रूप में भी काम कर चुके हैं।
एपी (एसोसिएटेड प्रेस) की रिपोर्ट के मुताबिक, एफबीआई द्वारा दायर एक हलफनामे में टेलिस पर आरोप है कि उन्होंने हाल ही में सरकारी कंप्यूटरों से सैन्य विमानों की क्षमताओं से संबंधित दस्तावेज प्रिंट किए, या दूसरों से प्रिंट करवाए। निगरानी वीडियो में उन्हें कई बार विदेश विभाग और रक्षा विभाग से एक ब्रीफ़केस लेकर बाहर जाते देखा गया, जिसमें गोपनीय कागजात छिपाए गए थे।
एफबीआई के अनुसार, टेलिस ने हाल के वर्षों में कई बार चीनी अधिकारियों से मुलाकातें कीं। 2022 में एक रात्रिभोज के दौरान वे एक मनीला फोल्डर लेकर पहुंचे थे, जबकि चीनी प्रतिनिधि एक उपहार बैग के साथ आए थे। भोजन के बाद, टेलिस के पास वह फोल्डर नहीं था। हालांकि, हलफनामे में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उन पर चीनी अधिकारियों को गोपनीय जानकारी देने का कोई सीधा आरोप नहीं है।
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि टेलिस एक लंबे समय से भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों का एक अहम चेहरा रहे हैं।