वॉशिंगटन
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार (स्थानीय समयानुसार) ओवल ऑफिस में हुई प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें आश्वस्त किया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा। ट्रंप ने इस फैसले को मॉस्को पर वैश्विक दबाव बढ़ाने की दिशा में एक “बड़ा कदम” बताया।
एफबीआई निदेशक काश पटेल के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने यह बयान दिया। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशासन की हिंसक अपराध पर लगाम लगाने की कोशिशों को भी रेखांकित किया गया।
एएनआई द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में, जब उनसे पूछा गया कि क्या वे भारत को विश्वसनीय साझेदार मानते हैं, ट्रंप ने कहा,“हां, बिल्कुल। वह (पीएम नरेंद्र मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं… मुझे यह अच्छा नहीं लगा कि भारत रूस से तेल खरीद रहा था। लेकिन आज उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि अब भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह बहुत बड़ा कदम है। अब हमें चीन को भी ऐसा ही करने के लिए राज़ी करना होगा।”
प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपने घनिष्ठ संबंधों को दोहराते हुए ट्रंप ने कहा,“वह मेरे मित्र हैं। हम दोनों के बीच गहरी मित्रता है। उन्होंने यह बात दो दिन पहले भी कही थी, जैसा कि आप जानते हैं।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें भारत द्वारा रूस से तेल खरीदने पर आपत्ति थी, क्योंकि इससे रूस को "इस मूर्खतापूर्ण युद्ध" को जारी रखने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा,\“रूस ने अब तक लगभग 15 लाख लोग (ज्यादातर सैनिक) खो दिए हैं। यह युद्ध कभी शुरू ही नहीं होना चाहिए था, और अगर हुआ भी, तो इसे रूस को पहले हफ्ते में ही खत्म कर देना चाहिए था। अब यह चौथे साल में जा रहा है। मैं चाहता हूं कि यह युद्ध रुके।”
ट्रंप ने दोहराया कि पीएम मोदी ने उन्हें विश्वास दिलाया है कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा और इसे “बड़ा स्टॉप” बताया। उन्होंने आगे कहा,“अब हमें चीन को भी ऐसा ही करने के लिए कहना होगा।”
मध्य पूर्व में हाल ही में हुई कूटनीतिक प्रगति का जिक्र करते हुए ट्रंप ने कहा,“आप जानते हैं, यह (भारत को तेल रोकने के लिए मनाना) उसके मुकाबले काफी आसान था जो हमने पिछले हफ्ते मध्य पूर्व में किया। मध्य पूर्व की समस्या 3,000 साल पुरानी थी, और हमने उसे हल कर दिया। यह सिर्फ तीन साल पुरानी है।”
रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर ट्रंप ने कहा कि वह इस संघर्ष को खत्म करना चाहते हैं।रूस और यूक्रेन के बीच की शत्रुता पर टिप्पणी करते हुए ट्रंप ने कहा,\“पुतिन और ज़ेलेन्स्की के बीच काफी कटुता है, जैसा कि आप देख ही रहे होंगे। और मेरा मानना है कि यह प्रक्रिया को नुकसान पहुंचा रहा है।”
इस पूरी बातचीत से स्पष्ट है कि ट्रंप प्रशासन भारत के रुख में आए बदलाव को एक राजनयिक सफलता के रूप में देख रहा है और इसका उपयोग रूस पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के लिए कर रहा है।