भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौते से दवा और चिकित्सा उपकरणों को बढ़ावा

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 24-07-2025
India-UK free trade agreement boosts medicines and medical devices
India-UK free trade agreement boosts medicines and medical devices

 

आवाज द वाॅयस /लंदन

भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत भारत से ब्रिटेन को जेनेरिक दवाओं और चिकित्सा उपकरणों के निर्यात को बड़ा बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में लंदन में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसके तहत एक्स-रे सिस्टम, सर्जिकल उपकरण, ईसीजी मशीन जैसे कई चिकित्सा उपकरणों पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे भारतीय मेडिकल टेक्नोलॉजी कंपनियों की लागत कम होगी और उनके उत्पाद ब्रिटेन के बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनेंगे।

ब्रेक्जिट और कोविड-19 महामारी के बाद ब्रिटेन ने चीनी आयात पर निर्भरता कम करने की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, जिससे भारतीय उत्पादक एक किफायती और भरोसेमंद विकल्प के रूप में उभर रहे हैं। एफटीए के शून्य शुल्क प्रावधानों से ब्रिटेन में भारतीय जेनेरिक दवाओं की प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी वृद्धि होगी। भारत यूरोप में ब्रिटेन का सबसे बड़ा दवा निर्यातक बना हुआ है।

वैश्विक स्तर पर भारत का दवा निर्यात 23.31 अरब डॉलर का है जबकि ब्रिटेन का आयात लगभग 30 अरब डॉलर का है। फिलहाल ब्रिटेन में भारतीय दवाओं का हिस्सा एक अरब डॉलर से कम है, जो विस्तार की बड़ी संभावना दर्शाता है। भारत का दवा उद्योग मात्रा के मामले में विश्व का तीसरा और मूल्य के मामले में चौदहवां सबसे बड़ा उद्योग है।

वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय दवा निर्यात 10 प्रतिशत बढ़कर 30.5 अरब डॉलर पहुंच गया। पिछले 30 वर्षों में भारत उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है, जो विश्व के 200 से अधिक देशों में निर्यात करता है, जिनमें जापान, ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी यूरोप और अमेरिका प्रमुख हैं।

भारत में चिकित्सा उपकरणों का बाजार वर्तमान में लगभग 11 अरब डॉलर का है और यह 2030 तक 50 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। यह समझौता भारतीय चिकित्सा उपकरण और दवा उद्योग को वैश्विक बाजार में नई मजबूती और निर्यात के अवसर देगा।