अफगान को तत्काल मिले मानवीय सहायता, पर आतंकवाद का गढ़ न बनेः पीएम मोदी

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 13-10-2021
 पीएम मोदी
पीएम मोदी

 

आवाज द वाॅयस/ नई दिल्ली
 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने का तरीका खोजने का आह्वान किया. साथ ही यह सुनिश्चित करने को भी कहा कि आतंकवाद अफगानिस्तान की भूमि, क्षेत्र या दुनिया को खतरे में न डाले. आतंकवाद या धार्मिक कट्टरवाद का स्रोत न हो. 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने वीडियो लिंक के माध्यम से अफगानिस्तान पर 20 देशों के जी20 समूह के एक विशेष शिखर सम्मेलन में भाग लिया. बैठक इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी द्वारा बुलाई गई थी, जो जी20 की अध्यक्षता कर रहे हैं. इसका एजेंडा अफगानिस्तान में मानवीय संकट, आतंकवाद की चिंताओं और मानवाधिकारों के मुद्दों पर चर्चा करना था.
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के बीच सदियों से घनिष्ठ जनसंपर्क रहा है. पिछले दो दशकों में, भारत ने अफगानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास और युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण में योगदान दिया है.
भारत ने अफगानिस्तान में ऐसी करीब 500 परियोजनाओं को लागू किया है. उन्होंने कहा कि अफगान लोगों की भारत के साथ दोस्ती की भावना है. भूख और कुपोषण का सामना कर रहे अफगान लोगों का दर्द हर भारतीय महसूस कर रहा है. अब समय आ गया है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगानिस्तान को मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करे.
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अफगानिस्तान की भूमि क्षेत्र या दुनिया के लिए चरमपंथ और आतंकवाद का स्रोत न बने. उन्होंने कट्टरवाद, आतंकवाद और नशीली दवाओं और हथियारों की तस्करी के गठजोड़ के खिलाफ हमारी लड़ाई को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया.
 
प्रधानमंत्री ने पिछले 20 वर्षों में अफगानिस्तान के सामाजिक-आर्थिक विकास की रक्षा करने और कट्टरपंथी विचारधाराओं के प्रसार को रोकने के लिए महिलाओं और अल्पसंख्यकों के पर्याप्त प्रतिनिधित्व के साथ अफगानिस्तान में एक समावेशी प्रशासन की स्थापना का आह्वान किया. उन्होंने अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका के महत्व पर जोर दिया और जी-20 देशों से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव का समर्थन करने का आह्वान किया.