जिनेवा, स्विट्जरलैंड. पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के सदस्य फजल-उर-रहमान अफरीदी ने उनकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के अधिकार को दबाने की कोशिश करने के लिए पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान की आलोचना की और कहा कि वे उन्हें रोक नहीं सकते. उन्होंने कहा कि पीटीएम प्रमुख मंजूर अहमद पश्तीन की रिहाई तक अपना संघर्ष जारी रखेगा, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उन्हें मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तान की ‘कंगारू अदालतों’ के सामने पेश किया गया.
एक साक्षात्कार में, फजल-उर-रहमान अफरीदी ने कहा कि दुनिया भर में पीटीआई कार्यकर्ताओं ने मंजूर अहमद पश्तीन की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन आयोजित किया है. उन्होंने कहा कि पीटीएम पाकिस्तान की अदालतों में विश्वास नहीं करता है. उन्होंने जोर दिया, ‘‘पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के तहत समझौता किया जाता है.’’
फजल-उर-रहमान अफरीदी ने कहा, ‘‘मंजूर अहमद पश्तीन की गिरफ्तारी के बाद, दुनिया भर के पीटीएम कार्यकर्ताओं ने न केवल पाकिस्तान में वैश्विक विरोध प्रदर्शन किया, बल्कि हमने संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, नीदरलैंड सहित दुनिया भर में विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया. और जब तक मंजूर पश्तीन को रिहा नहीं किया जाता, तब तक पाइपलाइन में और भी बहुत कुछ है. मंजूर पश्तीन को मनमाने ढंग से गिरफ्तार किया गया और पाकिस्तान की कंगारू अदालतों के सामने पेश किया गया, जहां पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के तहत समझौता किया गया है.’’
‘‘हम इन अदालतों में विश्वास नहीं करते हैं और हम पाकिस्तानी प्रणाली में विश्वास नहीं करते हैं. और हम अपना संघर्ष अंत तक जारी रखेंगे, जब तक कि मंजूर पश्तीन को रिहा नहीं किया जाता. हम यहां जिनेवा में दैनिक आधार पर एक तम्बू स्थापित करने का भी इरादा कर रहे हैं. इस आधार पर हम दैनिक आधार पर पाकिस्तानी शासन के काले चेहरे को दुनिया के सामने उजागर करेंगे.’’
पश्तीन की गिरफ्तारी के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पीटीएम प्रमुख को मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगांठ से छह दिन पहले 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. फजल-उर-रहमान अफरीदी ने कहा कि पश्तीन का तुर्बत की यात्रा करने का इरादा उनकी गिरफ्तारी का मुख्य कारण था. उन्होंने कहा कि अगर मंजूर पश्तीन को रिहा नहीं किया गया तो पीटीएम इस मामले को हर मंच पर उठाएगी.
‘‘मंजूर पश्तीन को मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा की 75वीं वर्षगांठ से छह दिन पहले 4 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था. उनकी गिरफ्तारी के पीछे मुख्य कारण यह था कि वह तुरबत की यात्रा करने का इरादा कर रहे थे, जहां हमारे बलूच भाई बलूच लोगों को जबरन गायब करना, लक्षित हत्याएं और नरसंहार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आयोजन कर रहे थे. यही कारण था पश्तून और बलूच को रोकने का, एक-दूसरे के साथ एकजुटता दिखाने का, एक-दूसरे के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करने का. पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान इस रिश्ते से डरते थे, और इसीलिए उन्हें तुरबत शहर जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया.’’
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने का हकदार नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान के जनरल - सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और डीजी आईएसआई जनरल नदीम अंजुम युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से उन पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के समक्ष मुकदमा चलाने का आह्वान किया क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय कानून सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन कर रहे हैं.
फजल-उर-रहमान अफरीदी ने कहा, ‘‘आप जानते हैं, पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान, आप जानते हैं, जबरदस्ती हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और शांतिपूर्ण सभा के हमारे अधिकार को दबाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन वे हमें दुनिया भर में नहीं रोक सकते. वे पाकिस्तान में हमारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दबा सकते हैं. लेकिन वे दुनिया भर में हमारी स्वतंत्रता को नहीं दबा सकते क्योंकि हम स्वतंत्र दुनिया में रह रहे हैं.’’
‘‘ये जनरल, सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर और डीजी आईएसआई जनरल नदीम अंजुम, वे युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए जिम्मेदार हैं, जिसमें पश्तून लोगों को जबरन गायब करना, न्यायेतर हत्याएं, यातना और नरसंहार शामिल हैं और हम चाहते हैं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उन पर अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय के समक्ष मुकदमा चलाए, क्योंकि वे अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, वे मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा और संयुक्त राष्ट्र चार्टर का उल्लंघन कर रहे हैं. इसलिए, पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र का सदस्य बनने के लायक नहीं है. यह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा का उल्लंघन करता है.’’