जलवायु सम्मेलन से पहले ब्राज़ील में बड़ी कार्रवाई, पुलिस मुठभेड़ में 20 की मौत

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 29-10-2025
Brazil cracks down ahead of climate summit, 20 killed in police clashes
Brazil cracks down ahead of climate summit, 20 killed in police clashes

 

न्यूयॉर्क
ब्राज़ील के रियो डी जेनेरियो में संगठित अपराध के खिलाफ चलाए गए एक बड़े पुलिस अभियान में दो पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई है। राज्य सरकार ने मंगलवार को इस घटना की पुष्टि की। यह मुठभेड़ उस समय हुई जब शहर आगामी COP30 वैश्विक जलवायु सम्मेलन की तैयारियों में जुटा हुआ है।

रियो डी जेनेरियो के गवर्नर क्लाउडियो कास्त्रो ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा कि, “हम नशीली दवाओं से जुड़े आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि इस अभियान में लगभग 2,500 सुरक्षाकर्मी शामिल थे, जिन्होंने शहर के बाहरी इलाकों — अलेमाओ और पेन्हा की घनी बस्तियों में छापेमारी की।

अधिकारियों के अनुसार, मारे गए 20 लोगों में से 18 के मादक पदार्थ तस्करी गिरोह से जुड़े होने की आशंका है।

अगले सप्ताह रियो में C40 महापौर सम्मेलन और प्रिंस विलियम द्वारा आयोजित अर्थशॉट पुरस्कार समारोह होने वाले हैं, जिसमें पॉप स्टार काइली मिनोग और चार बार के फॉर्मूला वन चैंपियन सेबेस्टियन वेट्टल जैसे अंतरराष्ट्रीय सितारे शामिल होंगे। ये आयोजन उत्तरी ब्राज़ील के शहर बेलेम में होने वाले संयुक्त राष्ट्र COP30 जलवायु सम्मेलन की प्रस्तावना के रूप में देखे जा रहे हैं।

ध्यान देने योग्य है कि ब्राज़ील में बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों से पहले इस तरह की पुलिस कार्रवाई कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 2014 फीफा विश्व कप, 2016 ओलंपिक, 2024 जी-20 शिखर सम्मेलन, और इस वर्ष की शुरुआत में हुए ब्रिक्स सम्मेलन से पहले भी सुरक्षा एजेंसियों ने इसी तरह के ऑपरेशन चलाए थे।

रियो राज्य सरकार के अनुसार, इस बार का अभियान कमांडो वर्मेलो अपराध गिरोह को निशाना बनाकर चलाया गया, जो देश के सबसे कुख्यात आपराधिक नेटवर्कों में से एक माना जाता है। इस ऑपरेशन में अब तक 56 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 250 से अधिक गिरफ्तारी और तलाशी वारंटों को लागू किया गया है।

राज्य सरकार का कहना है कि यह अभियान “शहर की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने” की दिशा में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।

(स्रोत: रॉयटर्स)