सियोल
उत्तर कोरिया ने बुधवार को अपने पश्चिमी जल क्षेत्रों में समुद्र से सतह पर मार करने वाली क्रूज़ मिसाइलों का परीक्षण किया। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दक्षिण कोरिया दौरे से ठीक पहले आया है, जहाँ वे एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए जा रहे हैं।
उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) ने मिसाइल परीक्षण को “सफल” बताया और दावा किया कि इस तरह के हथियार देश की परमाणु सशस्त्र सैन्य ताकत के संचालन क्षेत्र को बढ़ाने में योगदान देंगे। एजेंसी ने कहा कि मिसाइलें उच्च सटीकता वाली हैं और समुद्री-आधारित लक्ष्यों पर असरदार हैं।
हालाँकि, दक्षिण कोरिया की सेना ने अभी तक यह पुष्टि नहीं की है कि उसने इन मिसाइल परीक्षणों का पता लगाया है या नहीं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह परीक्षण न केवल सैन्य शक्ति का प्रदर्शन है, बल्कि क्षेत्रीय तनाव बढ़ाने और वार्ता में राजनीतिक दबाव बनाने का भी एक तरीका हो सकता है।
इस परीक्षण की घोषणा ट्रंप और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति ली जे-म्योंग के बीच ग्योंगजू शहर में होने वाले शिखर सम्मेलन से केवल कुछ घंटे पहले हुई। इस शिखर सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग और सुरक्षा मुद्दों पर चर्चा करना है।
विश्लेषकों का कहना है कि उत्तर कोरिया की यह हरकत दक्षिण-पूर्व एशिया में सुरक्षा स्थिति को और संवेदनशील बना सकती है। वहीं, अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच कूटनीतिक और सैन्य बातचीत इस दौरान अधिक सतर्क और सक्रिय बनी रहने की संभावना है।