ढाका (बांग्लादेश)
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद (BHBCUC), जो मुस्लिम-बहुल इस दक्षिण एशियाई देश का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक संगठन है, ने नए नियुक्त न्यायाधीशों में अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व के अभाव पर कड़ा आक्रोश व्यक्त किया है।
परिषद ने 26 अगस्त को जारी बयान में कहा, “कल (25 अगस्त 2025) 25 न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट की हाईकोर्ट डिवीजन में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इनमें से 9 न्यायिक अधिकारी, 9 वकील और 7 विधि अधिकारी शामिल हैं।”
बयान में आगे कहा गया कि “हालाँकि इन सभी क्षेत्रों में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक समुदायों से पर्याप्त योग्य व्यक्ति मौजूद हैं, फिर भी देश की 10% अल्पसंख्यक आबादी से एक भी व्यक्ति को 25 नए नियुक्त न्यायाधीशों में शामिल नहीं किया गया। यह बेहद खेदजनक है।”
परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर निर्मल चंद्र भौमिक, उशातन तालुकदार, निर्मल रोज़ारियो और कार्यकारी महासचिव मोनीन्द्र कुमार नाथ ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अन्यायपूर्ण और भेदभावपूर्ण बताया।
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, 25 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति दो वर्ष की प्रारंभिक अवधि के लिए की गई है। यह नियुक्तियाँ राष्ट्रपति मो. शाहाबुद्दीन द्वारा, मुख्य न्यायाधीश से परामर्श के बाद, संविधान के अनुच्छेद 95(1) और 98 के तहत की गईं।
BDnews की रिपोर्ट के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट की हाईकोर्ट डिवीजन में नियुक्त इन 25 न्यायाधीशों को मंगलवार दोपहर 1:40 बजे मुख्य न्यायाधीश सैयद रफ़ात अहमद ने शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह का संचालन हाईकोर्ट डिवीजन के रजिस्ट्रार (न्याय) मोहम्मद मुअज़्ज़म हुसैन ने किया।