पाकिस्तान और ईरान से लौट रहे अफगानों को गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियां :डब्ल्यूएचओ

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 25-08-2025
Afghans returning from Pakistan and Iran face serious health challenges: WHO
Afghans returning from Pakistan and Iran face serious health challenges: WHO

 

काबुल (अफगानिस्तान)

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान और ईरान से अफगानिस्तान लौट रहे नागरिक गंभीर स्वास्थ्य संकट झेल रहे हैं। इनमें ज़रूरी दवाइयों की कमी, महिला स्वास्थ्यकर्मियों और लैंगिक-संवेदनशील सेवाओं का अभाव, आइसोलेशन सुविधाओं की कमी, ट्रॉमा केयर और मानसिक स्वास्थ्य व मनो-सामाजिक सहायता (MHPSS) की गंभीर दिक्कतें शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 31 जुलाई से 15 अगस्त 2025 के बीच कुल 1,06,109 लोग पाकिस्तान और ईरान से अफगानिस्तान लौटे, जिनमें 83.7% लोग ईरान से आए। इसी अवधि में तोरखम बॉर्डर से लौटने वालों की संख्या लगभग तीन गुना हो गई, जिससे सीमा स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव पड़ा।

स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति

  • तोरखम स्थित ओमारी कैंप में 566 बाह्य रोगी परामर्श दर्ज हुए, जिनमें अधिकांश मामले सांस संबंधी संक्रमण और दस्त के थे। यहाँ 20,582 लोगों को पोलियो और खसरे का टीका लगाया गया।

  • इस्लाम कला में 1,079 लौटने वालों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ दी गईं, जिनमें से 297 मामले ट्रॉमा से जुड़े थे। यहाँ 24,519 बच्चों (10 वर्ष से कम) को पोलियो और खसरे के टीके लगाए गए।

  • स्पिन बोल्डक और मिलाक बॉर्डर पर भी एकीकृत स्वास्थ्य सेवाएँ दी गईं, जहाँ 8,683 परामर्श और 22,711 पोलियो टीकाकरण किए गए। साथ ही, 134 बच्चों को मौखिक पोलियो वैक्सीन (OPV) दी गई।

इसके बावजूद, आइसोलेशन सुविधाओं और महिला स्वास्थ्यकर्मियों की कमी सबसे बड़ी चिंता बनी हुई है। खासतौर पर मिलाक बॉर्डर पर दिव्यांगों और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता वाले लोगों को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। डब्ल्यूएचओ ने संवेदनशील आबादी की सुरक्षा के लिए व्यापक स्वास्थ्य सेवाओं और विशेष सुविधाओं में तत्काल निवेश की ज़रूरत बताई है।

शरणार्थियों की जटिल स्थिति

इस बीच, सैकड़ों अफगान नागरिक अभी भी पाकिस्तान में फँसे हुए हैं। अमेरिका और अन्य देशों की शरण नीति में बदलाव के कारण तीसरे देश में जाने की उनकी उम्मीदें टूट गईं। इनमें से कई पहले अफगानिस्तान में स्थायी नौकरियों पर थे।

इस्लामाबाद के अर्जेंटीना पार्क में करीब 300 अफगान परिवार अस्थायी शिविरों में रह रहे हैं। इनमें 24 वर्षीय सामिया भी शामिल हैं, जो फरवरी 2022 में बगलान शहर से भागकर पाकिस्तान पहुँची थीं और अब अपने छोटे बेटे दानियाल के साथ वहीं रह रही हैं।

पाकिस्तान सरकार ने इस महीने की शुरुआत में दक्षिण-पश्चिमी इलाकों से अफगानों को निकलने का आदेश दिया, जिसके बाद हज़ारों लोग सीमा की ओर रवाना हुए। अधिकारियों के मुताबिक, 2023 में शुरू हुआ निर्वासन अभियान अप्रैल 2025 में फिर तेज़ कर दिया गया, जब सरकार ने लाखों निवास परमिट रद्द कर दिए और अनुपालन न करने पर गिरफ्तारी की चेतावनी दी।