न्यूयॉर्क
प्रकृति की मार और लंबे इंतज़ार के बाद उम्मीद की एक मार्मिक कहानी सामने आई है। पिछले साल सितंबर में फ्लोरिडा में आए शक्तिशाली तूफान हेलेन के दौरान अपने परिवार से बिछड़ी एक बिल्ली 443 दिनों बाद आखिरकार अपने मालिक से फिर मिल गई। यह मिलन न सिर्फ भावुक कर देने वाला है, बल्कि पालतू जानवरों की पहचान के लिए माइक्रोचिप की अहमियत भी रेखांकित करता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 13 दिसंबर को एक व्यक्ति को सड़क किनारे एक बिल्ली भटकी हुई मिली। उसने मानवीय पहल करते हुए बिल्ली को उत्तरी कैरोलिना स्थित एवरी ह्यूमेन सोसाइटी के आश्रय स्थल में सौंप दिया। आश्रय गृह पहुंचते ही कर्मचारियों ने बिल्ली की नियमित जांच की, जिसमें उसके शरीर में लगी माइक्रोचिप का पता चला।
माइक्रोचिप को स्कैन करने पर जो जानकारी सामने आई, उसने सबको चौंका दिया। रिकॉर्ड के अनुसार, यह वही बिल्ली थी जो 443 दिन पहले तूफान हेलेन के दौरान अपने घर से लापता हो गई थी। माइक्रोचिप में दर्ज विवरण के आधार पर आश्रय गृह ने बिल्ली के मालिक का पता लगाया और उनसे संपर्क किया। कुछ ही समय में बिल्ली अपने असली घर लौट आई—अपने परिवार की बाहों में।
आश्रय गृह ने 14 दिसंबर को जारी बयान में कहा, “जांच के दौरान हमें बिल्ली में माइक्रोचिप मिली। थोड़ी पड़ताल के बाद पता चला कि यह बिल्ली तूफान हेलेन के समय से 443 दिनों से लापता थी। आज, इतने लंबे अंतराल के बाद, वह सुरक्षित अपने घर और परिवार से मिल पाई है।”
उल्लेखनीय है कि हरिकेन हेलेन पिछले दो दशकों में अमेरिका में आए सबसे घातक तूफानों में गिना जाता है। इसने छह राज्यों को प्रभावित किया और 250 से अधिक लोगों की जान ले ली, जिनमें सबसे ज्यादा मौतें उत्तरी कैरोलिना में हुईं। इस व्यापक तबाही के बीच यह कहानी बताती है कि आपदा के बाद भी उम्मीद जिंदा रहती है।
पशु कल्याण विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना पालतू जानवरों में माइक्रोचिप लगवाने की उपयोगिता का सशक्त उदाहरण है। पहचान का यह छोटा-सा उपाय आपदा, भटकाव या दुर्घटना की स्थिति में परिवारों को दोबारा मिलाने में निर्णायक साबित हो सकता है।






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