World Television Day 2025 : TV से दर्शकों ने मोड़ा रुख, OTT ने बदली दुनिया

Story by  अर्सला खान | Published by  [email protected] | Date 21-11-2025
World Television Day 2025: Viewers have turned away from TV, OTT has changed the world
World Television Day 2025: Viewers have turned away from TV, OTT has changed the world

 

अर्सला खान/नई दिल्ली
21 नवंबर...विश्व टेलीविजन दिवस 2025, वह दिन जिसे संयुक्त राष्ट्र ने टेलीविजन के सामाजिक प्रभाव, सूचना प्रसार और मनोरंजन में इसकी भूमिका को सम्मान देने के लिए निर्धारित किया था, लेकिन विडंबना देखिए, जिस समय TV तकनीकी रूप से अपने सबसे स्वर्णिम दौर में है, उसी समय दर्शकों ने उससे मुंह मोड़ना शुरू कर दिया है। और यह बदलाव सिर्फ आदतों का नहीं, बल्कि एक डिजिटल क्रांति का हिस्सा है। आज का टेलीविजन पहले से कहीं ज्यादा विकसित है|
 

TV का स्वर्ण युग: स्क्रीन बड़ी, टेक्नोलॉजी बेहतर, अनुभव शानदार
  • 8K रिज़ॉल्यूशन
  • OLED और QLED स्क्रीन
  • डॉल्बी एटमॉस साउंड
  • इंटरनेट से सीधी कनेक्टिविटी
  • AI-आधारित पिक्चर ट्यूनिंग
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कभी ऐसा नहीं हुआ कि TV तकनीक इतनी उन्नत और दर्शक-केंद्रित हो। घर-घर में बड़े, स्मार्ट, प्रीमियम टेलीविजन मौजूद हैं। कंटेंट भी पहले से ज्यादा विविध—स्पोर्ट्स, न्यूज़, डेली सोप, म्यूज़िक, रियलिटी शो। लेकिन फिर भी, दर्शकों ने TV को पीछे छोड़ दिया। क्यों?
 
 
OTT का उभार: दर्शक की आज़ादी का युग

जैसे-जैसे Netflix, Amazon Prime, Hotstar, Zee5 और SonyLIV जैसी OTT सेवाएँ बढ़ीं, दर्शकों की प्राथमिकताएँ बदलती गईं। OTT ने वह आज़ादी दी, जो TV कभी नहीं दे पाया—अब दर्शक तय करता है कि क्या देखना है, कब देखना है, और कैसे देखना है। यह लचीलापन टीवी के कठोर प्राइम-टाइम मॉडल पर भारी पड़ा।
 
  • अपनी मर्जी के समय पर कंटेंट देखना
  • बिना विज्ञापन या कम विज्ञापन
  • ग्लोबल कंटेंट तक आसान पहुंच
  • एक ही शो दुनिया देख रही है

TV Revolution: एक क्रांति जिसने दुनिया बदल दी

टेलीविजन ने 1950 के दशक से लेकर 2010 तक दुनिया को जोड़ने में बेहतरीन भूमिका निभाई। इसे TV Revolution कहा जाता है—एक ऐसा दौर जब परिवार एक साथ बैठकर शो देखा करते थे, रामायण, महाभारत, हम लोग, शक्तिमान जैसे कार्यक्रम सदियों की याद बन गए| टीवी पत्रकारिता ने जनता के मुद्दे बदल दिए | खेल आयोजन टीवी की वजह से वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय हुए| राजनीति, संस्कृति, समाज—सब पर TV का गहरा असर...
 
 
टेलीविजन ने दुनिया के हर घर में सूचनाओं का एक नया युग शुरू किया था। लेकिन बदलते समय के साथ इस क्रांति की जगह अब Digital Content Revolution ले चुका है। मोबाइल इंटरनेट के कारण फोन पर ही मनोरंजन की सुविधाआज Viewer vs TV का समीकरण यह है: Viewer wants freedom. OTT gives it. TV doesn’t.
 
TV क्यों फिसल रहा है? बदलते दर्शक, बदलते प्लेटफ़ॉर्म

  • युवा दर्शकों का TV से दूरी बनाना
  • OTT की सस्ती मासिक लागत
  • वास्तविक और बेहतर कहानी कहने वाले वेब शो
  • गैर-रुचिकर और दोहराए जाने वाले टीवी सीरियल
  • बहुत अधिक विज्ञापन दबाव
 
क्या TV खत्म हो जाएगा? विशेषज्ञों का कहना

विशेषज्ञ मानते हैं कि TV खत्म नहीं होगा, बल्कि उसकी भूमिका बदल जाएगी। TV बड़े इवेंट, स्पोर्ट्स, ब्रेकिंग न्यूज़ का माध्यम बना रहेगा, लेकिन OTT फिल्में, सीरीज़, डॉक्यूमेंट्री का भविष्य तय करेगा। उद्योग के जानकार बताते हैं कि भविष्य Hybrid Model का होगा| TV + OTT, दोनों साथ। आज का दिन क्यों खास है? विश्व टेलीविजन दिवस का महत्व जहाँ एक तरफ TV अपनी पकड़ खो रहा है, वहीं दूसरी ओर इस दिवस का महत्व बढ़ जाता है क्योंकि यह हमें याद दिलाता है| टेलीविजन ने दुनिया को बांधा, बदला और संवारा है।
 
 
टीवी की बदौलत

  • युद्ध के दृश्य दुनियाभर में दिखे
  • चंद्रमा पर कदम पहली बार लाइव देखा गया
  • क्रिकेट, ओलंपिक और विश्व कप घरों में पहुँचा
  • सरकारें जवाबदेह बनीं
  • सामाजिक मुद्दे उठे

 
TV की कहानी खत्म नहीं: बल्कि नई शुरुआत

विश्व टेलीविजन दिवस के अवसर पर यह बात बिल्कुल स्पष्ट है TV भले ही अपनी पारंपरिक भूमिका में पीछे जा रहा है, लेकिन उसका प्रभाव हमेशा रहेगा। OTT एक क्रांति है, लेकिन टेलीविजन एक विरासत। और हर विरासत समय के साथ अपना स्वरूप बदलती है। दुनिया बदल रही है और मनोरंजन भी, लेकिन टेलीविजन का योगदान, उसकी क्रांति, और उसके सुनहरे वर्षों को आज भी उतनी ही इज़्ज़त और याद दी जाती है, जितनी उसके स्वर्ण युग में थी।