सीमा पर राफेल और मिराज की गरज, पाकिस्तान-चीन की सिट्टी पिट्टी गुम, लड़ाकू विमानों का 10 दिनों युद्धाभ्यास

Story by  आवाज़ द वॉयस | Published by  [email protected] | Date 05-09-2023
Thunder of Rafale and Miraj on the border, Pakistan-China missing, fighter jets exercise for 10 days
Thunder of Rafale and Miraj on the border, Pakistan-China missing, fighter jets exercise for 10 days

 

आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली

भारत जी 20 शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी कूटनीति और सधी विदेश नीति की अहमियत बताने को तैयार है. इस बीच भारत ने विरोधी देशों चीन और पाकिस्तान को अपने कुशल युद्ध कौशल का भी एहसास करा रहा है. इस क्रम में भारतीय वायुसेना ने चीन-पाकिस्तान सीमा के उत्तरी क्षेत्र में युद्ध प्रशिक्षण अभ्यास प्रारंभ कर दिया. यह अभ्यास राफेल, मिराज 2000 सहित लड़ाकू विमानों, चिनूक, अपाचे और हेलीकॉप्टरों सहित भारी लिफ्ट परिवहन विमानों के साथ आयोजित किया जा रहा है.

गुरु स्पेशल फोर्स भी इस अभ्यास का हिस्सा हैं. जहां वायु शक्ति के सभी तत्वों को क्रियान्वित किया जा रहा है.यह अभ्यास 4 से 14 सितंबर तक लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब सहित उत्तरी क्षेत्रों में आयोजित किया जा रहा है.
 
हालांकि लड़ाकू विमानों की आवाज से न केवल स्थानीय लोगों में डर और दहशत का माहौल. पाकिस्तान और चीन की भी भारत के इस आक्रामक रवैये से सिट्टी पिट्टी गुम है. चंबा के कई इलाके जम्मू-कश्मीर की सीमा से सटे हुए हैं. इधर उपमंडलाधिकारी सलूणी नवीन कुमार शर्मा, एसडीएम चैराह जोगिंदर पटियाल ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है. जानकारी के मुताबिक, त्रिशूल युद्धाभ्यास रविवार देर रात शुरू हुआ.
 
जानकारी के मुताबिक, त्रिशूल अभ्यास भारत की उत्तरी सीमा पर 1400 किमी के क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. इसमें पंजाब, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश शामिल हैं.एक मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, वायु सेना के जवान 14 सितंबर तक युद्ध की सभी बारीकियों का अभ्यास करेंगे.
भारत का ट्राइडेंट अभ्यास चीन और पाकिस्तान द्वारा शुरू किए गए संयुक्त हवाई अभ्यास शाहीन एक्स का जवाब माना जाता है. चीन और पाकिस्तान के बीच संयुक्त वायु सेना प्रशिक्षण अभ्यास अगस्त के अंत में शुरू हुआ और सितंबर के मध्य तक जारी रहेगा.