आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद सोमवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
एसआईआर के मुद्दे पर ही, पहले सुबह 11 बजकर तीन मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्यवाही स्थगित करने से पहले शोर-शराबा कर रहे सदस्यों से कहा, ‘‘जनता ने आपको इतना बड़ा अवसर दिया है, इसे नारेबाजी करके और तख्तियां दिखाकर मत गंवाइए.
सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद अपराह्न दो बजे फिर से शुरू होते ही विपक्षी सदस्य आसन के निकट पहुंचकर ‘एसआईआर वापस लो’ के नारे लगाने लगे.
पीठासीन सभापति कृष्णा प्रसाद तेन्नेटी ने नारेबाजी कर रहे सांसदों से अपने स्थान पर जाने और सदन चलने देने की अपील की.
उन्होंने कहा, ‘‘आपसे कई बार कहा गया है कि सदन में तख्तियां नहीं लानी है, लेकिन आप लोग नहीं सुन रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हंगामे के कारण बहुत सारा कीमती समय बर्बाद हो गया है.
सभापति ने गोवा में जनजातियों से संबंधित विधेयक के सूचीबद्ध होने का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘यह दिखाता है कि देश के अनुसूचित जनजाति समुदाय के प्रति आप कैसा रुख रखते हैं.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा, ‘‘गोवा से संबंधित विधेयक विचार एवं पारित करने के लिए सूचीबद्ध है. विपक्ष चर्चा नहीं कर रहा है। इसका मतलब कि विपक्ष के लोग एसटी समुदाय के खिलाफ हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘इस विधेयक से गोवा विधानसभा में एसटी समुदाय का प्रतिनिधित्व बढ़ने वाला है. यह बहुत महत्वपूर्ण विधेयक है.’
हंगामा जारी रहने पर सभापति तेन्नेटी ने कुछ ही मिनट बाद सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी.