जश्न-ए-अदब का 12 वां वार्षिकोत्सव संपन्न: देर रात तक चले कार्यक्रमों में मशहूर फनकारों, साहित्यकारों और शायरों ने लूटी वाहवाही

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 27-02-2023
जश्न-ए-अदब का 12 वां वार्षिकोत्सव संपन्न: देर रात तक चले कार्यक्रमों में मशहूर फनकारों, साहित्यकारों और शायरों ने खूब लूटी वाहवाही
जश्न-ए-अदब का 12 वां वार्षिकोत्सव संपन्न: देर रात तक चले कार्यक्रमों में मशहूर फनकारों, साहित्यकारों और शायरों ने खूब लूटी वाहवाही

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली 

दिल्ली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र में साहित्यिक संस्था जश्न ए अदब का तीन दिवसीय 12 वां वार्षिकोत्सव रंगा-रंग कार्यक्रम के साथ संपन्न हो गया. देर रात तक चले आखिरी दिन के कार्यक्रमों में हजारों दर्शकों के बीच मशहूर फनकारों, साहित्यकारों, कलाकारों और शायरों ने अपनी प्रस्तुतियां दी और खूब वाहवाही बटोरी. 

कार्यक्रम के अंतिम दिन ऑडिटोरियम में प्रो. एफ एस शीरानी द्वारा निर्देशित हास्य नाटक ‘जबान दराज’ जिसे एएमयू ड्रामा क्लब द्वारा पेश किया गया, दर्शकों को पसंद आया. इसमें एक शायर की जिंदगी को पेश किया गया.
 
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इसके अलावा नाटक के माध्यम से अपनों से बड़ों के साथ बातचीत, उर्दू जबान में गलत और सही की निशानदेही के बाबत अवगत कराया गया. ड्रामे में तल्हा ठाकुर, शहबाज नकवी, अनिजा अख्तर, काशिफ इद्रिसी, मोहम्मद अकरम और अंकिता की अदाकारी पसंद की गई.
 
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दूसरी ओर निशी सिंह ने सूफी पर आधारित गजलें पढ़ कर महफिल लूट ली. डॉ अनामिका सिंह ने शास्त्रीय संगीत पेश किया और श्रोताओं की मुहब्बत लूटी.नवाज साबरी और उनकी टीम ने उम्दा कव्वाली पेश किया. लोग कव्वाली सुनकर जोश से भर गए. श्रोताओं को ‘मेरे रश्क ए कमर’, ‘दिल दिया है जां भी देंगे’ काफी पसंद आया.
 
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इस बीच प्रसिद्ध लेखिका शबनम असई की किताब ‘मोहब्बत मौकूफ है’ का लोकार्पण हुआ. उन्होंने ने कहा कि मेरे इस किताब में गजलें, दर्द और मुहब्बत की बातें हैं. देर रात महफिल ए मुशायरा का आयोजन किया गया, जिसमें मशहूर शायर वसीम बरेलवी, फरहद एहसास, फहीम बदायूंनी, शकील आजमी, आईपीएस कौसर खालिद और कुंवर रंजीत सिंह ने कलाम पेश किया. दिल्ली वासियों को बहुत दिनों बाद वसीम बरेलवी को सुनने का मौका मिला था, इसलिए जब उनकी बारी आई तो उनके एक-एक शेर पर श्रोता लहालोट नजर आए.