आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
कोझिकोड के नयारकुझी स्थित सरकारी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की 10वीं कक्षा की छात्रा सांघवी अंतरिक्ष यात्री को अंतरिक्ष में तैरते हुए और शून्य गुरुत्वाकर्षण में गेंद से खेलते हुए देखकर अपनी खुशी नहीं छिपा सकी.
उसके चेहरे पर फैली मुस्कान से पता लग रहा था कि राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय शुभांशु शुक्ला से बातचीत करके वह कितनी रोमांचित थी.
सांघवी ने पीटीआई की वीडियो सेवा से कहा, ‘‘मैं बहुत उत्साहित और खुश हूं। हमारे पास उनके लिए बहुत सारे प्रश्न थे, और उन्होंने उनमें से कई का विस्तार से उत्तर दिया तथा हमें दिखाया कि वे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के अंदर कैसे तैरते हैं.’’
राज्य भर के स्कूलों से चुने गए लगभग 200 छात्रों को तिरुवनंतपुरम के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में भारतीय अंतरिक्ष यात्री से बातचीत करने का मौका मिला.
शुक्ला के गृहनगर लखनऊ में छात्रों के एक अन्य समूह को भी शुक्ला से बातचीत करने और अंतरिक्ष यात्रा के संबंध में अपनी शंकाओं को दूर करने का अवसर मिला.
एक छात्र आदित्य ने कहा, ‘‘उन्होंने अंतरिक्ष यात्रा, भोजन, अंतरिक्ष स्टेशन पर अपना खाली समय बिताने के तरीके और वहां किए जाने वाले वैज्ञानिक प्रयोगों के बारे में बात की. उन्होंने हमें विज्ञान में सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए उत्सुक रहने के लिए भी प्रोत्साहित किया.’’
वीएसएससी के अधिकारियों ने छात्रों को रेलवे स्टेशन से अपने वाहनों में बिठाकर अंतरिक्ष केंद्र पहुंचाया, जबकि उनके अभिभावकों ने पूरा दिन तिरुवनंतपुरम में उनकी वापसी की प्रतीक्षा की.
केंद्र सरकार ने स्कूलों और अभिभावकों को चयन प्रक्रिया और कार्यक्रम के विवरण को गोपनीय रखने के सख्त निर्देश जारी किए थे तथा उनसे पहले मीडिया से बात न करने को कहा था.
यहां तक कि यह कार्यक्रम मीडिया की उपस्थिति के बिना वीएसएससी के अंदर ही आयोजित किया गया.
इस संबंध में एक अभिभावक ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें सख्ती से कहा था कि हम चयन या कार्यक्रम में भागीदारी का प्रचार न करें.’’