आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अंतरिक्ष और अन्य क्षेत्रों में वाणिज्यिक उपयोग के लिए छह भारतीय उद्योगों को आयात पर निर्भरता कम करने के लिए 10 प्रौद्योगिकियां हस्तांतरित की हैं, जिनमें दो जड़त्वीय सेंसर भी शामिल हैं.
प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) द्वारा सुगम बनाया गया.
इसरो की जड़त्वीय प्रणाली इकाई द्वारा विकसित दो उन्नत जड़त्वीय सेंसरों - ‘लेजर जाइरोस्कोप’ और ‘सिरेमिक सर्वो एक्सेलेरोमीटर’ की प्रौद्योगिकियों को हैदराबाद आधारित जेटाटेक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित किया गया, जिससे यह विशिष्ट प्रौद्योगिकी प्राप्त करने वाली पहली कंपनी बन गई.
जड़त्वीय नौवहन प्रणाली (आईएनएस) परीक्षण, अंशांकन और क्यूए/क्यूटी उपकरण में 25 वर्षों से अधिक की विशेषज्ञता वाली कंपनी जेटाटेक देश में सेंसर का निर्माण करेगी, जिससे आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिल सकती है.
इन-स्पेस के अध्यक्ष पवन गोयनका ने एक बयान में कहा, ‘‘इन प्रौद्योगिकियों का हस्तांतरण अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के दोहन और व्यावसायीकरण के लिए निजी क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है.’