मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली
हालांकि, योग को लेकर मुसलमानों की अब बहुत हद तक गलत फहमियां दूर हुई हैं, पर जब मुस्लिम बहुल कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों के कारण अराजकता चरम पर थी, तब शब्बीर अहमद डार ने साहस दिखाया और योग को स्थापित करने के लिए जान लड़ा दी थी.
योग को लेकर पिछले दो दशकों में शब्बीर अहमद डार के प्रयासों ने अब मिशन का रूप ले लिया है. मगर यहां तक पहुंचने में उन्हें कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ीं.डार आवाज द वाॅयस से बातचीत में कहते हैं, ‘‘ एक बार जब उन्होंने श्रीनगर में योग फेटिस्वेल कराना चाहा तो कुछ लोगों ने स्थिति इतनी बिगाड़ी दी कि उन्हें अपने इस आयोजन को जम्मू स्थानांतरित करना पड़ा.’’
वह बताते हैं कि उनका यह आयोजन बेहद कामयाब रहा था और इस अंतरराष्ट्रीय योग फेस्टिवेल में 8 देशों ने देशों ने शिरकत की थी.यह तो उदाहरण मात्र है.शब्बीर अहमद डार के प्रयासों ने इस अनगिनत आयोजन हो चुके हैं. वह बताते हैं, ‘‘मौजूदा स्थिति यह है कि उनके सिखाए बच्चे सऊदी अरब में जाकर लोगों को योग सिखा रहे हैं.’’
डार ने कश्मीर में चार बच्चों के साथ 2004 में योग प्रशिक्षक के रूप में शुरुआत की थी. आज वह श्रीनगर में 250 और जम्मू में 250 बच्चों को योग सिखा रहे हैं.आवाज द वाॅयस से बातचीत में शब्बीर अहमद डार करते हैं, पीएम नरेंद्र मोदी के प्रयासों से जब से विश्व में योग का मान बढ़ा है, उनके सिखाए बच्चों की भी गल्फ केंट्री में मांग बढ़ गई है. कई कश्मीरी बच्चे अरब देशों में योग का प्रशिक्षण दे रहे हैं.
बातचीत में कहते हैं,‘‘ समय के साथ योग को लेकर स्थितियां बदली हैं. इसे लेकर लोगों का नजरिया भी बदला है. इसके प्रति लोगों का विश्वास इस हद तक बढ़ा है कि नशे की लत के शिकार भी उनके पास योग सीखने आने लगे हैं ताकि उनका ‘ विल पाॅवर’ मजबूत हो और वे इस बुरी आदत से छुटकारा पा सकें.
शब्बीर से छह सालों से योग सीख रही जरफा फैयाज कहती हैं, इससे उनमें सहनशक्ति बढ़ी है. बहुत सुकून मिलता है. अब उनकी दोस्त भी उन्हें योग सीखने ले जाने के लिए दबाव देते हैं.शब्बीर के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, स्पोर्ट्स काउंसिल और योगा सोसायटी आॅफ कश्मीर के प्रयासों से भी योग को लेकर माहौल बदला है.
एलजी सिन्हा की कोशिशों से योग करने के लिए गुलाम मोहम्मद बख्शी स्टेडियम, श्रीनगर और मौलाना आजाद स्टेडियम, जम्मू में जगह आवंटित की गई है.जम्मू- कश्मीर के लोगांे की योग के प्रति बढ़ते दिलचस्पी को देखकर शब्बीर अहमद डार इतने उत्साहित हैं कि कहते हैं, ‘‘अगले पांच से दस सालों में यह इस केंद्र शासित में क्रिकेट की जगह ले लेगा.’’
उन्होंने कहा कि योग को लेकर विभिन्न स्तरों पर चल रहे प्रयासों का नतीजा है कि अब यह भ्रम दूर हो गया कि सर्दियों में योग नहीं किया जा सकता. डार ने कहा कि दस डिग्री के तापमान भी इसे भली-भांति किया जा सकता है.शरीर को पिट रखने का इससे बढ़िया कोई और मंत्र नहीं. उन्होंने सोशल मीडिया से योग सीखने वालों को सलाह दी कि इससे शरीर को नुक्सान पहुँच सकता है. इसलिए योग सीखने में दिलचस्पी रखने वाले सीधे उन जैसे योग प्रशिक्षक से संपर्क करें.
-साथ में श्रीनगर से यासमीन खान