बाजार में लच्छा और किमामी बनारसी , इलाहाबादी सेवइयों की धूम

Story by  मोहम्मद अकरम | Published by  [email protected] | Date 06-04-2024
Lachha and Kimami Banarasi and Allahabadi Sevai are popular in the market.
Lachha and Kimami Banarasi and Allahabadi Sevai are popular in the market.

 

मोहम्मद अकरम / नई दिल्ली

मुस्लिम इलाकों में इफ्तार के बाद से सहरी तक लोगों की बाजारों में भीड़ बढ़ जाती हैं. लोग अपने पसंदीदा सामान खरीदना चाहता है. कोई जायकेदार व्यंजन का आनंद ले रहा है तो कई सेहरी की तैयारी के लिए बाजार से कई प्रकार के समान घर ले जाते हैं. ईद पर लजीज पकवानों की भरमार होती है, लेकिन एक ऐसा व्यंजन है, जो पारंपरिक तौर पर ईद के मौके पर हर जगह बनता है.

यह पकवान सेवई हैं, जिसके बिना ईद अधूरी है. इस पर्व का जिक्र होते ही सबसे पहले सेवई का स्वाद मुंह में आने लगता है.इस समय दिल्ली की बाजारों में पारंपारिक सेवई यानी हाथ से बनी हुई सेवई नहीं दिखाई दे रहा है बल्कि बदलते वक्त के साथ मशीन की बनी हुई विभिन्न प्रकार और कई शहरों की सेवइयों से बाजार सजा हुआ हैं. ईद के दिन के लिए सेवई होना जरुरी होता है.
 
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बनारसी सारी और इलाहाबादी सेवइयों की धूम

शाम के समय दिल्ली के जामिया नगर, शाहीन बाग, मुस्तफाबाद, हज़रत निजामुद्दीन बस्ती और मटिया महल जैसे मुस्लिम बहुल इलाकों में सजी हुई गलियों में सेवई बेचने वाले स्टॉल लगते हैं.दिल्ली के जाकिर नगर में इफ्तार के बाद से सहरी तक लोगों की बहुत ज्यादा भीड़ होती है.
 
यहां जगह जगह कई प्रकार के सेवइयों की दुकानें हैं, जिसमें रुमाली, लच्छा बनारसी, डंडा वाली, कच्चा लच्छा, किमामी सेवइयां मौजूद हैं. जिसमें बनारसी सारी और इलाहाबादी सेवइयों की धूम है. 
 
बाजार की सेवइयां दूध में उबालने पर आसानी से नरम हो जाती हैं

बारह साल से सेवई की दुकान चलाने वाले अब्दुल रज्जाक ने बताया कि पहले के वक्त में घर पर बनी हुई सेवइयां बिकती थीं लेकिन अब उसे खरीदना कोई नहीं चाहता हैं. इसलिए बनारस, इलाहाबाद, कोलकत्ता, अलीगढ़ से सेवईंया आती हैं जिसे लोग ज्यादा पसंद करते हैं. बाजार की सेवइयां दूध में उबालने पर आसानी से नरम हो जाती हैं और खाने में स्वादिष्ट भी लगता है.
 
ईद के दिन हर घर में सेवई बनती है

अब्दुल रज्जाक ने आगे बताया कि शब ए बारात के बाद से सेवइयां बिकने लगे हैं. रमजान के पहले और आखिरी अशरे में लोग सहरी के वक्त भी सेवई खाना पसंद करते हैं. ईद के दिन हर घर में सेवई बनती है. यहां लोग बनारसी सेवई, लच्छा बनारसी लच्छा और किमामी बनारसी सेवई ज्यादा पसंद कर रहे हैं. उसके अलावा रुमाली सेवई भी लोग पसंद कर रहे हैं.
 
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इलाहाबादी रुमाली सेवई

वहीं बटला हाउस के नजदीक सेवई की दुकान चला रहे अहमद खान बताते हैं कि रमजान में सबसे ज्यादा सेवई बिकती हैं. ईद के दिन के लिए लोग कुछ खरीदे या नहीं खरीदे सेवइयां जरूर खरीदते हैं. इस समय हमारे यहां और बाजार में भी बनारसी सेवइयां ज्यादा बिक रही है.
 
इलाहाबादी रुमाली सेवई लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. लच्छा बनारसी, कच्चा सेवई, दूध वाली सेवई, कचौरी सेवई भी लोग पसंद कर रहे हैं. उसके अलावा अलीगढ़ और लखनऊ की भी सेवई बिक रही हैं.
 
 तेल कम होता है, देखने में सूखा

इन सेवईयों के विशेषता के बारे में अहमद ने बताया कि सेवई कई प्रकार के बाजार में है लेकिन इलाहाबादी और बनारसी सेवइयां तैयार होने के बाद जायकेदार भी होता हैं. इसमें तेल कम होता है, देखने में सूखा होता है इसलिए लोग पसंद कर रहे हैं.