मलिक असगर हाशमी
एयर इंडिया के अहमदाबाद विमान हादसे में 241 लोगों की दर्दनाक मौत ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है. इस दुखद घटना को लेकर जहां पाकिस्तान सहित कई मुस्लिम देशों ने संवेदना प्रकट की है, वहीं दुनिया के दो प्रमुख इस्लामिक संगठन—मुस्लिम काउंसिल ऑफ एल्डर्स और मुस्लिम वर्ल्ड लीग (MWL)—ने विशेष तत्परता के साथ भारत के प्रति समर्थन जताया है. यह भारत की अंतरराष्ट्रीय इस्लामी संगठनों में गहराती पैठ का स्पष्ट संकेत भी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल में भारत और मुस्लिम देशों के बीच संबंधों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है. कई इस्लामिक राष्ट्रों ने पीएम मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाज़ा है.
सऊदी अरब के प्रिंस सलमान से उनकी विशेष समीपता रही है. लेकिन इस विमान हादसे के बाद जो वैश्विक इस्लामी एकजुटता सामने आई है, वह इस बात का प्रमाण है कि भारत अब इन संगठनों के लिए केवल एक राजनयिक साझेदार नहीं, बल्कि एक विश्वसनीय मित्र भी बन चुका है..
हादसे के तुरंत बाद अबू धाबी स्थित मुस्लिम काउंसिल ऑफ एल्डर्स ने अल-अजहर के ग्रैंड इमाम महामहिम प्रो. डॉ. अहमद अल-तैयब की अध्यक्षता में गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा—"परिषद इस दुखद घटना के शिकार लोगों के परिवारों और प्रियजनों के साथ अपनी गहरी सहानुभूति और एकजुटता व्यक्त करती है."
इसी तरह मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने भी अपने बयान में कहा—"MWL अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद हुए इस दर्दनाक हादसे को लेकर भारत सरकार, वहां की जनता और विशेषकर पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता है. हम इस त्रासदी में लापता लोगों और उनके परिजनों के साथ भी पूर्ण एकजुटता व्यक्त करते हैं.."
गौरतलब है कि हाल के वर्षों में पीएम मोदी और मुस्लिम वर्ल्ड लीग के महासचिव डॉ. मोहम्मद अल-ईसा के बीच भी संबंधों में उल्लेखनीय प्रगाढ़ता आई है. पिछले वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और खुसरो फाउंडेशन की पहल पर डॉ. ईसा भारत आए थे.
इस दौरान उन्होंने न केवल पीएम मोदी से लंबी बातचीत की, बल्कि अक्षरधाम मंदिर, जामा मस्जिद और कई सामाजिक संगठनों से भी मुलाक़ात की. उन्होंने दिल्ली की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में जुमे का खुतबा भी दिया था.
भारत में इस संगठन को कम जाना जाता है, लेकिन मुस्लिम काउंसिल ऑफ एल्डर्स एक प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय स्वायत्त इस्लामी संगठन है जिसकी स्थापना 19 जुलाई 2014 को अबू धाबी में हुई थी. इसकी अध्यक्षता अल-अजहर विश्वविद्यालय के ग्रैंड इमाम डॉ. अहमद अल-तैयब कर रहे हैं. परिषद में मुस्लिम उम्मा के प्रतिष्ठित विद्वान, न्यायप्रिय नेता और चिंतक शामिल हैं.
अल-अजहर के ग्रैंड इमाम प्रो. डॉ. अहमद अल-तैयब इस परिषद के सर्वोच्च पदाधिकारी हैं. उनका जन्म 6 जनवरी 1946 को मिस्र के ऊपरी हिस्से में स्थित लक्सर शहर के पास कुरना गांव में हुआ था.
उन्होंने अल-अजहर विश्वविद्यालय की शिक्षा प्राप्त करने से पूर्व अपने गृहनगर में ही धार्मिक अध्ययन किया और कुरान को कंठस्थ किया। बाद में वे काहिरा स्थित अल-अजहर विश्वविद्यालय के 'बुनियादी इस्लामी सिद्धांत' कॉलेज में शामिल हुए, जहां से उन्होंने 1969 में सम्मान के साथ स्नातक की डिग्री प्राप्त की.
प्रो. डॉ. तैयब ने विश्वभर के कई इस्लामी विश्वविद्यालयों में कार्य किया है, अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में भाग लिया है और उन्हें मुस्लिम जगत में उनकी विद्वत्ता के लिए कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाज़ा गया है. प्रधानमंत्री मोदी से उनके सौहार्दपूर्ण संबंधों की भी चर्चा होती रही है.
मुस्लिम काउंसिल ऑफ एल्डर्स का उद्देश्य वैश्विक इस्लामी समाज को आतंकवाद, असहिष्णुता और विखंडन से मुक्त रखते हुए संवाद, सहिष्णुता और पारस्परिक सम्मान के सिद्धांतों को बढ़ावा देना है. परिषद निम्नलिखित लक्ष्यों के लिए कार्य करती है:
मुस्लिम और गैर-मुस्लिम समुदायों के बीच संवाद और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना.
धर्म, जीवन, सम्मान, मन और संपत्ति की रक्षा जैसे मूल इस्लामी सिद्धांतों को सुदृढ़ करना.
सांप्रदायिक संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेपों से इस्लामी राष्ट्रों को बचाने के लिए शांति-प्रिय समाधान प्रस्तुत करना.
विचारधारा, आतंकवाद और कट्टरता के खिलाफ वैश्विक इस्लामी दृष्टिकोण विकसित करना.
समाज में नैतिक मूल्यों, न्याय, समानता और सम्मान आधारित संबंधों को सशक्त करना.
परिषद का उद्देश्य बौद्धिक पूर्वाग्रह से मुक्त रहकर संवाद, सुलह और मध्यस्थता जैसे शांतिपूर्ण उपायों के माध्यम से विवादों का समाधान प्रस्तुत करना है. वह इस्लाम की मूल शिक्षाओं के आलोक में न्याय, ज्ञान और विवेक को पुनर्जीवित करने की दिशा में भी प्रयासरत है.
इस परिषद की उपस्थिति और प्रतिक्रिया यह दिखाती है कि भारत अब न केवल राजनीतिक और कूटनीतिक स्तर पर, बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक संवादों में भी मुस्लिम विश्व का एक भरोसेमंद भागीदार बन चुका है.