ग्लोबल जेंडर गैप इंडेक्स 2025 में भारत 131वें स्थान पर पहुंचा

Story by  PTI | Published by  [email protected] | Date 12-06-2025
India reaches 131st rank in Global Gender Gap Index 2025
India reaches 131st rank in Global Gender Gap Index 2025

 

आवाज द वॉयस/नई दिल्ली

 
विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की ‘ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट 2025’ में भारत पिछले साल की तुलना में दो स्थान फिसलकर 148 देशों की सूची में 131वें स्थान पर पहुंच गया है.
 
बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, मात्र 64.1 प्रतिशत के स्कोर के साथ भारत दक्षिण एशिया में सबसे निचली रैंक वाले देशों में से एक है. पिछले साल भारत 129वें स्थान पर था. वैश्विक लैंगिक अंतराल सूचकांक में लैंगिक समानता को चार प्रमुख आयामों-आर्थिक भागीदारी व अवसर, शैक्षिक उपलब्धि, स्वास्थ्य व जीवन रक्षा, तथा राजनीतिक सशक्तीकरण के आधार पर आंका जाता है. भारतीय अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन में +0.3 अंकों का सुधार हुआ.
 
रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत में जिन आयामों में समानता बढ़ी है, उनमें से एक आर्थिक भागीदारी और अवसर है, जहां इसका स्कोर +.9 प्रतिशत अंक बढ़कर 40.7 प्रतिशत हो गया है। जबकि अधिकांश संकेतक मूल्य समान रहे हैं, अनुमानित अर्जित आय में समानता 28.6 प्रतिशत से बढ़कर 29.9 प्रतिशत हो गई है, जिसका उपसूचकांक स्कोर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है. श्रम बल भागीदारी दर में अंक पिछले वर्ष के समान (45.9 प्रतिशत) रहे - जो कि भारत में अब तक का सर्वोच्च है. रिपोर्ट में कहा गया है कि शैक्षिक प्रगति के मामले में भारत ने 97.1 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं, जो साक्षरता और उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए महिलाओं की हिस्सेदारी में सकारात्मक बदलाव को दर्शाता है। रिपोर्ट के अनुसार इसके परिणामस्वरूप समग्र उपसूचकांक के स्कोर में सकारात्मक सुधार हुआ है.
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि, "भारत में स्वास्थ्य और जीवन रक्षा में भी उच्च समानता दर्ज की गई है। यह जन्म के समय लिंगानुपात और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में सुधार के कारण संभव हुआ है. हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य देशों की तरह, पुरुषों और महिलाओं की जीवन प्रत्याशा में समग्र कमी के बावजूद स्वस्थ जीवन प्रत्याशा में समानता प्राप्त की गई है.
 
रिपोर्ट के अनुसार, "भारत में राजनीतिक सशक्तीकरण के मामले में पिछले संस्करण के बाद से समानता में मामूली गिरावट (-0.6 अंक) दर्ज की गई है. संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 14.7 प्रतिशत से घटकर 2025 में 13.8 प्रतिशत हो गया, जिससे लगातार दूसरे वर्ष सूचकांक 2023 के स्तर से नीचे रहा. रिपोर्ट में कहा गया है कि इसी प्रकार, मंत्रिस्तरीय भूमिकाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 6.5 प्रतिशत से घटकर 5.6 प्रतिशत हो गई है और इस तरह इस वर्ष संकेतक स्कोर अपने उच्चतम स्तर (2019 में 30 प्रतिशत) से और कम हो गया है.
 
राजनीतिक सशक्तीकरण और आर्थिक भागीदारी में उल्लेखनीय प्रगति के साथ, बांग्लादेश दक्षिण एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला देश बनकर उभरा है, जो 75 रैंक की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर 24वें स्थान पर पहुंच गया है. नेपाल 125वें, श्रीलंका 130वें, भूटान 119वें, मालदीव 138वें और पाकिस्तान 148वें स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक लैंगिक अंतराल 68.8 प्रतिशत तक गिर गया है, जो कोविड-19 महामारी के बाद सबसे मजबूत वार्षिक प्रगति को दर्शाता है. रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा दरों के आधार पर पूर्ण समानता कायम करने में 123 साल लग जाएंगे. आइसलैंड लगातार 16वें साल रैंकिंग में सबसे आगे है, उसके बाद फिनलैंड, नॉर्वे, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड हैं.