भारत ने बहरीन में 146वें अंतर-संसदीय संघ में पाकिस्तान की आलोचना की, कहा, आतंकवादियों का निर्यातक

Story by  मंजीत ठाकुर | Published by  [email protected] | Date 14-03-2023
46वीं अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) में सस्मित पात्रा
46वीं अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) में सस्मित पात्रा

 

आवाज- द वॉयस/ एजेंसी


भारत ने सोमवार को बहरीन में 146वीं अंतर-संसदीय संघ (आईपीयू) में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है.

 

पाकिस्तान ने आईपीयू असेंबली में अपने संबोधन में आदतन कश्मीर का जिक्र किया. उत्तर के अधिकार (आरओआर) के माध्यम से भारत ने पाकिस्तान को "आतंकवादियों का निर्यातक" करार दिया और दोहराया कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है.

 

राज्यसभा सांसद सस्मित पात्रा ने अपने भाषण में कहा, "यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान ने अपने बयान में भारत का अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर का जिक्र कर एक बार फिर इस मंच का दुरुपयोग किया है. यह उल्लेख पूरी तरह से अस्वीकार्य है." "

 

पात्रा ने आगे कहा, "जम्मू और कश्मीर और लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा रहे हैं और रहेंगे. किसी भी देश के बयानबाजी और प्रचार की कोई मात्रा इस तथ्य को मिटा नहीं कर सकती है. पाकिस्तान के पास भारत के आंतरिक मामले में टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है."

 

उन्होंने कहा, “हमने बार-बार उसके अवैध और जबरन कब्जे के तहत भारतीय क्षेत्रों को तत्काल प्रभाव से खाली करने का आह्वान किया है. यह विडंबना है कि एक देश, जो आतंकवादियों का एक मशहूर निर्यातक है, और अनगिनत सीमा पार आतंकवादी हमले करने के लिए जिम्मेदार है जम्मू और कश्मीर में मानवाधिकारों का समर्थन करने का दावा कर रहा है."

 

गौरतलब है कि मार्च में, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने 'महिला, शांति और सुरक्षा' पर एक बहस के दौरान केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में की गई टिप्पणी को तुच्छ, निराधार और राजनीति से प्रेरित बताया था.

 

उन्होंने कहा था: "इस तरह के दुर्भावनापूर्ण और झूठे प्रचार का जवाब देना भी अनुचित है." कंबोज ने कहा, "हमारा ध्यान हमेशा सकारात्मक और दूरदर्शी रहा है और रहेगा."

 

भारत ने वैश्विक संसदीय निकाय में पाकिस्तान की निंदा की, और कश्मीर पर पाकिस्तान के झूठे प्रचार का पर्दाफाश किया.

 

अंतर्राष्ट्रीय संसदीय मंच पर भारत के कद और शक्ति को अन्य सदस्य देशों द्वारा स्वीकार और सराहा गया है.